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रोहिणी के शिशु की तस्वीर कैमरे में कैद

दुधवा नेशनल पार्क : मधू, डायना, पार्वती और नकुल हाथी दोनों शिशुओं पर बनाए हुए हैं नजरगैंडा शिशु जब मूत्र त्याग करता है, तभी उसके जेंडर का पता लगाना संभव : संजय पाठक
बांकेगंज। दुधवा नेशनल पार्क के भादीताल में चल रही गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में हाल ही में जन्मे रोहिणी के शिशु की तस्वीर लेने में वन कर्मियों को सफलता हाथ लगी है। कल्पना के शिशु की तस्वीर पहले ही ली जा चुकी है, लेकिन अब तक दोनों गैंडा शिशुओं के जेंडर की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं गैंडा पुनर्वासन क्षेत्र में हाथियों पर सवार चार निगरानी टीमों ने गैंडा शिशुओं की देखरेख तेज कर दी है।गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में कल्पना और रोहिणी नामक मादा गैंडा शिशुओं के जन्म के बाद बेलरायां रेंज की भादी बीट में दुधवा के प्रशिक्षित तीन मादा मधू, डायना, पार्वती और नर हाथी नकुल के जरिए चार निगरानी टीमें लगातार दोनों शिशुओं पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन उनके अधिक नजदीक जाना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए शिशुओं के जेंडर का पता लगाया जाना मुश्किल होता है।दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक/ फील्ड निदेशक संजय पाठक का कहना है कि गैंडा शिशु जब मूत्र त्याग करता है, तभी उसके जेंडर का पता लगाया जा सकता है। अब तक निगरानी टीमें गैंडा शिशुओं के इतने पास नहीं पहुंच सकी हैं कि उन्हें मूत्र त्याग करते देख पाएं। हालांकि निगरानी टीमें इन शिशुओं का जेंडर पता लगाने की पूरी कोशिश में हैं। जेंडर का पता लगने के बाद ही इनका नामकरण किया जाएगा।दुधवा नेशनल पार्क के भादीताल स्थित गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में गैंडा परिवार में एक माह के अंदर दो शिशुओं के जन्म के साथ पार्क प्रशासन काफी उत्साहित है। वन कर्मी दिन-रात गैंडा पुनर्वासन क्षेत्र में मौजूद रहकर गैंडा शिशुओं की हाथियों के जरिए निगरानी कर रहे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक दोनों गैंडा शिशु अपनी मां के साथ हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।
चंदौली से बागी हाथी को लेने जाएंगे विशेष महावत
पलियाकलां। दुधवा टाइगर रिजर्व में जल्द ही चंदौली से बागी हाथी को लेने के लिए टीम रवाना होगी। हालांकि अभी कोई तारीख तय नहीं है, लेकिन दुधवा नेशनल पार्क में विशेष महावतों की टीम तैयार है। टीम यहां के पशु चिकित्सक के साथ चंदौली के लिए रवाना की जाएगी। दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि टीम में पशु चिकित्सक डॉ. दयाशंकर समेत तीन-चार विशेष महावतों को चुना गया है। टीम चंदौली जाकर वहां हाथी से निपटने के बाद उसको लेकर दुधवा नेशनल पार्क आएगी। संवाद

गैंडा शिशु जब मूत्र त्याग करता है, तभी उसके जेंडर का पता लगाना संभव : संजय पाठक
बांकेगंज। दुधवा नेशनल पार्क के भादीताल में चल रही गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में हाल ही में जन्मे रोहिणी के शिशु की तस्वीर लेने में वन कर्मियों को सफलता हाथ लगी है। कल्पना के शिशु की तस्वीर पहले ही ली जा चुकी है, लेकिन अब तक दोनों गैंडा शिशुओं के जेंडर की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं गैंडा पुनर्वासन क्षेत्र में हाथियों पर सवार चार निगरानी टीमों ने गैंडा शिशुओं की देखरेख तेज कर दी है।

गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में कल्पना और रोहिणी नामक मादा गैंडा शिशुओं के जन्म के बाद बेलरायां रेंज की भादी बीट में दुधवा के प्रशिक्षित तीन मादा मधू, डायना, पार्वती और नर हाथी नकुल के जरिए चार निगरानी टीमें लगातार दोनों शिशुओं पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन उनके अधिक नजदीक जाना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए शिशुओं के जेंडर का पता लगाया जाना मुश्किल होता है।

दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक/ फील्ड निदेशक संजय पाठक का कहना है कि गैंडा शिशु जब मूत्र त्याग करता है, तभी उसके जेंडर का पता लगाया जा सकता है। अब तक निगरानी टीमें गैंडा शिशुओं के इतने पास नहीं पहुंच सकी हैं कि उन्हें मूत्र त्याग करते देख पाएं। हालांकि निगरानी टीमें इन शिशुओं का जेंडर पता लगाने की पूरी कोशिश में हैं। जेंडर का पता लगने के बाद ही इनका नामकरण किया जाएगा।

दुधवा नेशनल पार्क के भादीताल स्थित गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में गैंडा परिवार में एक माह के अंदर दो शिशुओं के जन्म के साथ पार्क प्रशासन काफी उत्साहित है। वन कर्मी दिन-रात गैंडा पुनर्वासन क्षेत्र में मौजूद रहकर गैंडा शिशुओं की हाथियों के जरिए निगरानी कर रहे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक दोनों गैंडा शिशु अपनी मां के साथ हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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