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ग्राम पंचायत स्तर कार्ययोजना बनाकर शून्य कुपोषित बच्चे पर घोषित किये जायेंगे ‘सुपोषित ग्राम पंचायत‘

सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित महिला बाल विकास विभाग की बैठक में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने जिले में सुपोषण के स्तर को बढ़ाने के लिए ‘नंगत पिला कार्यक्रम‘ के अंतर्गत ग्राम पंचायतवार नवीन कार्ययोजना का निर्माण कर कार्य करने के निर्देश दिए। इस बैठक में कलेक्टर ने जिले में सबसे अधिक कुपोषण की दर वाले 50 ग्राम पंचायतों का चयन कर परियोजनावार इसे विभाजित करते हुए सुपोषित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसे हेतु उन्होंने सभी अधिकारियों को इन ग्रामों पर विशिष्ट ध्यान देते हुए पंचायत विशेष कार्ययोजना पर कार्य करने हेतु कहा।
ग्राम को कुपोषण मुक्त करने पर बनाये जाएंगे ‘फाइव स्टार आंगनबाड़ी‘
सुपोषित ग्राम पंचायत कार्ययोजना के तहत सर्वप्रथम ऐसे ग्राम पंचायत जहां कुपोषण की दर कम है या कुपोषित बच्चे नहीं हैं उनमें कुपोषित बच्चों को सुपोषित करते हुए उन ग्रामों में स्थित आंगनबाड़ियों को ‘फाइव स्टार आंगनबाड़ी‘ घोषित किया जाएगा साथ ही फाइव स्टार आंगनबाड़ियों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं सुपरवाइजरों को विशिष्ट रूप से सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य ग्रामों में भी कुपोषण के स्तर की जांच कर रेटिंग के आधार पर उन्हें स्टार प्रदान किए जाएंगे। जिसमें फाइव स्टार सबसे न्यूनतम अथवा शून्य कुपोषण वाले आंगनबाड़ियों तथा एक स्टार कुपोषण दूर करने के प्रयासों में सबसे पीछे रहे आंगनबाड़ियों को प्रदान किया जाएगा। इसके आधार पर प्रतिमाह आंगनबाड़ियों को रेटिंग प्रदान की जाएगी। एक स्टार वाले आंगनबाड़ियों पर जिला प्रशासन विशिष्ट रूप से निगरानी रखेगा एवं उनमें कुपोषण के कारणों को जानने एवं कुपोषण दूर करने के लिए प्रयास करेगा।
प्रतिमाह बच्चों की विशेषज्ञ करेंगे जांच
जिले में कुपोषित बच्चों की प्रतिमाह जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का दल नियुक्त किया जाएगा। यह डॉक्टर प्रति माह में एक दिन ग्रामों में शिविर लगाकर बच्चों की जांच करेंगे। इस जांच के आधार पर बच्चों का डाटा जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए जा रहे मोबाइल एप्लीकेशन पर डाला जाएगा। इस ऐप द्वारा प्रतिमाह बच्चों के कुपोषण के आंकड़ों की तुलना कर उनमें आए परिवर्तन का निरीक्षण किया जाएगा। इस ऐप में बच्चों की फोटो भी प्रतिमाह लेकर डाली जाएगी साथ ही प्रत्येक बच्चे का डाटा इस ऐप पर उपलब्ध होगा।
कुपोषित बच्चों को अंडे, कोदो कुटकी एवं रागी के पोषक आहार खिलाये जाएंगे
गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण आहार खिलाने के लिए सप्ताह में 3 दिन उबले अंडे या केला घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा खिलाया जाएगा। विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा किये शोधों के अनुसार पाया गया है कि कोदो कुटकी सामान्य अनाज से अधिक पोषण प्रदान करता है। जिसे देखते हुए इसकी खिचड़ी बच्चों को खिलाई जाएगी। रागी में भी पोषक तत्वों की प्रचुरता को देखते हुए बच्चों को इसकी बिस्किट तथा अन्य उत्पाद खिलाए जाएंगे।