लखनऊकोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुईं चुनौतियों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार विश्वविद्यालय और उनसे जुड़े महाविद्यालयों के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स छात्रों को बिना परीक्षा दिए ही प्रोन्नत करेगी। वहीं, हर पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा होगी। इसके अलाव पेपर 3 घंटे की बजाय डेढ घंटे के होंगे। प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी रद्द रहेंगी और वाइवा ऑनलाइन होगा। मंगलवार को डेप्युटी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि जिन पाठ्यक्रमों में प्रथम वर्ष के छात्र पिछले सत्र में बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में प्रोन्नत हो चुके हैं, उन्हें इस बार दूसरे वर्ष की परीक्षा देनी होगी। प्रोन्नत मानक के आधार पर विश्वविद्यालयों से 18 जून तक कार्ययोजना देने को कहा गया है।
शर्मा ने कहा कि जहां ग्रेजुएशन प्रथम/तृतीय और पोस्ट ग्रेजुएशन प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां ग्रेजुएशन द्वितीय/चतुर्थ (सेमेस्टर) और पोस्ट ग्रेजुएशन द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंकों के आधार पर समावेश से और मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं।31 अगस्त तक रिजल्ट, नया सेशन 13 सितंबर सेउच्च शिक्षा विभाग भी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालयों के लगभग 41 लाख छात्र-छात्राओं की वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं को कराया जाना है। इस संबंध में लिया गया फैसला मुख्यमंत्री और राज्यपाल/कुलाधिपति से विचार विमर्श के बाद है। कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए परीक्षाओं का दायरा सीमित कर दिया गया है। शर्मा ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी और उनके अंकों का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा मौखिक परीक्षा ऑनलाइन कराई जाएगी जबकि परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण विश्वविद्यालय स्तर से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 अगस्त, 2021 तक परीक्षाफल घोषित किया जाएगा और शैक्षणिक सत्र 2021-22 को 13 सितंबर, 2021 से प्रारंभ किया जाएगा।
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