नैनी स्थिति जीईटीएंडडी (पूर्व नाम जीईसी) को तेलगांना के शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स के हवाले कर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगने के साथ करीब 500 कर्मचारियों को भी राहत मिलने जा रही है। शर्त के अनुसार सभी कर्मचारी पूर्व की शर्तों पर नई कंपनी में शामिल होंगे। उनसे जुड़े अन्य विवादों को भी जल्द दूर करने के दावे किए जा रहे हैं।जीईसी कंपनी दो साल पहले ही बंद हो गई थी, जिसके बाद इसे किसी दूसरी कंपनी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। नवंबर 2019 में जीईसी को शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स के ही हवाले करने का निर्णय लिया गया था लेकिन जमीन की लीज नई कंपनी को ट्रांसफर नहीं हो पाई थी। इसकी वजह से उम्मीदों को झटका लगा था। साथ ही कर्मचारियों की स्थिति को लेकर भी विवाद बना रहा। कंपनी में 230 स्थायी कर्मचारी हैं। इनके अलावा ढाई सौ से अधिक संविदा कर्मचारी भी कार्यरत हैं।अब कैबिनेट की बैठक में नई कंपनी को लीज ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया है। उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी का कहना है कि प्रदेश में यह पहला मौका है जब कि इस तरह से जमीन की लीज दूसरी कंपनी को ट्रांसफर की जाएगी। इससे कंपनी दोबारा चालू हो सकेगी। साथ ही इसमें कार्यरत कर्मचारियों को लेकर बनी अनिश्चितता भी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों को पूर्व की शर्त पर रखने का निर्णय हुआ है। कर्मचारियों की कुछ और डिमांड है। उसका भी जल्द समाधान कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई कंपनी और विस्तार करेगी। ऐसे में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नैनी स्थिति जीईटीएंडडी (पूर्व नाम जीईसी) को तेलगांना के शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स के हवाले कर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगने के साथ करीब 500 कर्मचारियों को भी राहत मिलने जा रही है। शर्त के अनुसार सभी कर्मचारी पूर्व की शर्तों पर नई कंपनी में शामिल होंगे। उनसे जुड़े अन्य विवादों को भी जल्द दूर करने के दावे किए जा रहे हैं।
जीईसी कंपनी दो साल पहले ही बंद हो गई थी, जिसके बाद इसे किसी दूसरी कंपनी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। नवंबर 2019 में जीईसी को शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स के ही हवाले करने का निर्णय लिया गया था लेकिन जमीन की लीज नई कंपनी को ट्रांसफर नहीं हो पाई थी। इसकी वजह से उम्मीदों को झटका लगा था। साथ ही कर्मचारियों की स्थिति को लेकर भी विवाद बना रहा। कंपनी में 230 स्थायी कर्मचारी हैं। इनके अलावा ढाई सौ से अधिक संविदा कर्मचारी भी कार्यरत हैं।
अब कैबिनेट की बैठक में नई कंपनी को लीज ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया है। उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी का कहना है कि प्रदेश में यह पहला मौका है जब कि इस तरह से जमीन की लीज दूसरी कंपनी को ट्रांसफर की जाएगी। इससे कंपनी दोबारा चालू हो सकेगी। साथ ही इसमें कार्यरत कर्मचारियों को लेकर बनी अनिश्चितता भी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों को पूर्व की शर्त पर रखने का निर्णय हुआ है। कर्मचारियों की कुछ और डिमांड है। उसका भी जल्द समाधान कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई कंपनी और विस्तार करेगी। ऐसे में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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