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किसानों की आड़ में और कितने जुर्म?

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11 may 2021
कथित किसान आंदोलन में सभी तरह के आपराधिक काम हो रहे हैं। देश विरोधी नारों से लेकर अराजकता फ़ैलाने की मंशा के बाद अब पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और रेप की खबरें आ रही हैं।
टिकरी बॉर्डर पर वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता के उद्देश्य से गई एक महिला ने बताया है कि वहां के लोगों ने उसके साथ भी यौन उत्पीड़न की कोशिश की है। गौरतलब है कि इसके पहले एक बंगाली महिला के साथ भी रेप किया गया था जिसको लेकर गठित SIT की टीम ने मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है।

इस पूरे प्रकरण के बाद ये कहा जा सकता है कि तथाकथित किसान आंदोलन अब बलात्कार और यौन उत्पीड़न का केंद्र बनता जा रहा है।
किसान आंदोलन के दौरान धरना स्थल से अब तक कई रेप की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसी बीच एक अमेरिकी संस्था के धरना स्थल के पास स्थित हॉस्पिटल की स्वयंसेवक ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसके मुताबिक वो धरना स्थल पर वैक्सीनेशन के लिए जागरुकता का अभियान चलाने गई थीं, लेकिन वहां उनके साथ यौन उत्पीड़न की कोशिश की गई।
ख़बरों के मुताबिक महिला ने इस बात की आंदोलन के प्रायोजकों से शिकायत भी की लेकिन इस मुद्दे कोई एक्शन नहीं लिया। महिला ने अपनी सारी कहानी इंस्टाग्राम पर डाली है, जिसके बाद एक बार फिर किसान आंदोलन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

वहीं कुछ दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर तथाकथित किसानों पर आरोप लगे थे कि उन्होंने एक बंगाली महिला का रेप किया था, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने भगोड़े आरोपी अनिल मलिक के खिलाफ 25,000 ईनाम रखा गया था। ख़बरों के मुताबिक अब ये शख्स गिरफ्तार कर लिया है। वही इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है जिसने बुधवार को आरोपी को भिवानी के एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी झोझूकलां गांव का निवासी बताया जा रहा है।
वहीं यौन उत्पीड़न की घटना को लेकर पुलिस का कहना है कि उनके पास इस मुद्दे पर कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन SIT जांच में इसकी भी पड़ताल की जाएगी। पुलिस ने बताया है कि अनिल मलिक का साथी अनूप चिनौट हिसार का जबकि अंकुश सांगवान चरखी दादरी का रहने वाला है। इस मामले में अंकुश की जमानत याचिका कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। पुलिस का कहना है कि अनिल ने महिला का रेप किया था जबकि अन्य दोनों ने उसका साथ दिया था।
दो बलात्कार की घटनाएं सामने आने के बाद जहां एक तरफ पुलिस और SIT की अलग-अलग टीमें जांच में जुटी हुई हैं, तो दूसरी ओर अब ये तथाकथित किसान तीसरी वारदात की तैयारी कर रहे हैं। जो खुद को किसान कहते हैं, उनके रहते लगातार धरना स्थल से बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैैं जो जाहिर कर रही है कि अब ये तथाकथित किसान आंदोलन का धरना स्थल महिलाओं के उत्पीड़न का केन्द्र बन गया है।