नगर के केपीएस स्कूल में राजिम व आसपास के 18 बच्चों का एडमिशन विभिन्न क्लास के लिए आरटीई के तहत हुआ है। निर्धन परिवार के बच्चों को सरकार के इस महती योजना से अच्छी शिक्षा प्राप्त हो रही थी। अचानक इस स्कूल के संचालक ने स्कूल को बंद कर दिया है। स्कूल बंद होने से गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। ज्ञात हो कि स्कूल के अचानक बंद हो जाने से अन्य निजी स्कूल में आरटीई के तहत प्रवेश होना मुश्किल है। क्योंकि सभी स्कूलों में अपनी एक निर्धारित सीट होती है। इस स्थिति में जिन बच्चों का एडमिशन आरटीई के तहत इस स्कूल में हुआ है, वह बच्चे आखिर कहां पढ़ेंगे। यह प्रश्न लाजमी है। यदि केपीएस स्कूल के संचालक को स्कूल को बंद ही करना था तो आरटीई के तहत एडमिशन नहीं लेना था। इस तरह केपीएस स्कूल के संचालक की ओर से शासन, प्रशासन को गुमराह कर मान्यता प्राप्त किया और आधे अधूरे सत्र में स्कूल बंद हो जाने से छात्र—छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाएंगे। पालक मोहन साहू ने बताया कि आरटीई के तहत मेरी बच्ची तृप्ति साहू का 2020 में क्लास 1 में एडमिशन हुआ था और अभी क्लास 2 में है, लेकिन स्कूल के बंद हो जाने से बच्चे की पढ़ाई को लेकर मैं चिंचित हूं। क्योंकि मैं गरीब परिवार से हूं। महंगी स्कूल में फीस देकर अन्य स्कूल में अध्यापन कराने में असक्षम हूं। इस तरह बीच में स्कूल को बंद करना उचित नहीं है। आईटीई के तहत हमारे बच्चों को 8वीं तक निशुक्ल पढ़ाने का जिम्मा विद्यायल ने लिया है। उन्होंने स्कूल के संचालक से आग्रह किया है कि हमारे बच्चों को खुद ही अन्य स्कूल में आरटीई के तहत प्रवेश दिलाएं।
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