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मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट, भारी बारिश की आशंका

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फसलों की सुरक्षा के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरीधान की नर्सरी लगाने का सुझाव, सब्जी के खेत में जमा न हो पानी
बरेली। पश्चिमी विक्षोभ के असर से हावी हुए प्रीमानसून में भारी बारिश की आशंका जताते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को धान की नर्सरी लगाने और खेतों में पानी इकट्ठा न होने देने को कहा है।मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, करीब हफ्ते भर तक जिले में सौ एमएम से ज्यादा बारिश हो सकती है। 15 से 20 किलोमीटर के वेग से हवा चलने पर दुर्घटना की आशंका भी है। लिहाजा, प्रशासन से लोगों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा है। वहीं, कृषि विभाग से किसानों के लिए उचित सुझाव देने को कहा है ताकि बारिश और तेज हवाओं से होने वाले नुकसान के प्रति वह पहले से ही तैयार रहें। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने बारिश को किसानों के लिए अनुकूल बताया है। उन्होंने कहा, बारिश से किसानों की सिंचाई में होने वाले आर्थिक खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही धान की नर्सरी लगाने के लिए ये वक्त अच्छा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कई किसानों ने पहले से खेत तैयार कर लिए थे, जो अब नर्सरी लगाने लगे हैं।धान के अतिरिक्त सब्जी वाली फसलों के लिए भी बारिश लाभकारी होगी, बशर्तें उसमें पानी लंबे समय तक न रुके। खेत में पानी भरने से फफूंद और अन्य रोग लग सकते हैं। कीटनाशकों का प्रयोग सीमित करें। वहीं, अगर किसी किसान की बीमित फसल बारिश से बर्बाद हो गई है तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर बर्बाद फसल का ब्योरा दें। ताकि स्थानीय स्तर की टीम मौके पर पहुंचकर रकबा की गणना कर सके।
बरतें सावधानी.. वायरल बीमारियों का मौसम
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वागीश वैश ने बताया कि इस समय दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंड हो रही है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही वायरल बीमारियों की वजह बन सकती है। उन्होंने बताया कि तापमान में तेजी से हुई गिरावट से बैक्टीरिया और वायरस हावी हो सकते हैं। संक्रामक रोग बढ़ने की आशंका है। ऐसे में लोग घर के पास जलभराव न होने दें। गीले कपड़े ज्यादा देर तक न पहनें। बारिश में भीगने से बचें। बाहर की और बासी चीजों के सेवन से परहेज करें। बगैर परामर्श दवा न खाएं।
संक्रमण के लक्षण हों तो तत्काल कराएं जांच
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुधीर गर्ग का कहना है कि मानसून के दौरान कई लोगों को बुखार, सर्दी आदि बीमारियां हो सकती हैं। कोरोना जैसे ही लक्षण होने का फर्क सिर्फ विशेषज्ञ ही समझ सकते हैं। इसलिए लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। अगर संक्रमण के लक्षण हैं तो जांच कराएं। जांच में देरी की वजह से संक्रमण का प्रभाव बढ़ने की आशंका से जान का जोखिम हो सकता है। बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय हैं। जांच शिविर लग रहे हैं।
दिन के तापमान में दस डिग्री की गिरावट
मौसम विभाग की ओर से शनिवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में जिले में पांच एमएम बारिश हुई। अगले करीब हफ्ते भर तक पश्चिमी विक्षोभ हावी होने से अनुकूल माहौल बनने पर बारिश के आसार हैं। आंचलिक मौसम अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दस डिग्री कम 29.0 डिग्री और न्यूनतम सामान्य स्तर पर 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

धान की नर्सरी लगाने का सुझाव, सब्जी के खेत में जमा न हो पानी
बरेली। पश्चिमी विक्षोभ के असर से हावी हुए प्रीमानसून में भारी बारिश की आशंका जताते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को धान की नर्सरी लगाने और खेतों में पानी इकट्ठा न होने देने को कहा है।

मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, करीब हफ्ते भर तक जिले में सौ एमएम से ज्यादा बारिश हो सकती है। 15 से 20 किलोमीटर के वेग से हवा चलने पर दुर्घटना की आशंका भी है। लिहाजा, प्रशासन से लोगों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा है। वहीं, कृषि विभाग से किसानों के लिए उचित सुझाव देने को कहा है ताकि बारिश और तेज हवाओं से होने वाले नुकसान के प्रति वह पहले से ही तैयार रहें। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने बारिश को किसानों के लिए अनुकूल बताया है। उन्होंने कहा, बारिश से किसानों की सिंचाई में होने वाले आर्थिक खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही धान की नर्सरी लगाने के लिए ये वक्त अच्छा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कई किसानों ने पहले से खेत तैयार कर लिए थे, जो अब नर्सरी लगाने लगे हैं।

धान के अतिरिक्त सब्जी वाली फसलों के लिए भी बारिश लाभकारी होगी, बशर्तें उसमें पानी लंबे समय तक न रुके। खेत में पानी भरने से फफूंद और अन्य रोग लग सकते हैं। कीटनाशकों का प्रयोग सीमित करें। वहीं, अगर किसी किसान की बीमित फसल बारिश से बर्बाद हो गई है तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर बर्बाद फसल का ब्योरा दें। ताकि स्थानीय स्तर की टीम मौके पर पहुंचकर रकबा की गणना कर सके।
बरतें सावधानी.. वायरल बीमारियों का मौसम
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वागीश वैश ने बताया कि इस समय दिन में गर्मी और रात में हल्की ठंड हो रही है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही वायरल बीमारियों की वजह बन सकती है। उन्होंने बताया कि तापमान में तेजी से हुई गिरावट से बैक्टीरिया और वायरस हावी हो सकते हैं। संक्रामक रोग बढ़ने की आशंका है। ऐसे में लोग घर के पास जलभराव न होने दें। गीले कपड़े ज्यादा देर तक न पहनें। बारिश में भीगने से बचें। बाहर की और बासी चीजों के सेवन से परहेज करें। बगैर परामर्श दवा न खाएं।
संक्रमण के लक्षण हों तो तत्काल कराएं जांच
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुधीर गर्ग का कहना है कि मानसून के दौरान कई लोगों को बुखार, सर्दी आदि बीमारियां हो सकती हैं। कोरोना जैसे ही लक्षण होने का फर्क सिर्फ विशेषज्ञ ही समझ सकते हैं। इसलिए लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। अगर संक्रमण के लक्षण हैं तो जांच कराएं। जांच में देरी की वजह से संक्रमण का प्रभाव बढ़ने की आशंका से जान का जोखिम हो सकता है। बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय हैं। जांच शिविर लग रहे हैं।

दिन के तापमान में दस डिग्री की गिरावट
मौसम विभाग की ओर से शनिवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में जिले में पांच एमएम बारिश हुई। अगले करीब हफ्ते भर तक पश्चिमी विक्षोभ हावी होने से अनुकूल माहौल बनने पर बारिश के आसार हैं। आंचलिक मौसम अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. जेपी गुप्ता ने बताया कि शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दस डिग्री कम 29.0 डिग्री और न्यूनतम सामान्य स्तर पर 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।