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जमीन विवाद पर राम मंदिर ट्रस्ट की सफाई, खुले बाजार से कम कीमत पर खरीदी है जमीन

राम मंदिर (Ram Mandir) की जमीन खरीद में घोटाले के आरोपों पर सियासत जोरों पर है। एक तरफ जहां विपक्ष राम मंदिर जमीन विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। वहीं अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अयोध्‍या के निर्माणाधीन राम मंदिर की जमीन खरीद में लगे आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। इतना ही नहीं सीएम योगी ने ट्रस्ट और जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत जानकारी देने को भी कहा है।

उधर अयोध्या जमीन विवाद पर राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने आरोप साबित होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मंगलवार को केशव प्रसाद मौर्य ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए है। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, रामलला का भव्य मंदिर निर्माण राम द्रोहियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा।

समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। वहीं अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन घोटाले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा दैनिक भास्कर ने किया है।अखबार के मुताबिक, जिस 100 बिस्वा जमीन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, उसे साल 2011 में समाजवादी पार्टी के नेता सुल्तान अंसारी ने 2 करोड़ रुपए में खरीदा था। इतना ही नहीं सुल्तान ने ही इसे राम मंदिर ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेचा है। अब इस खुलासे के बाद समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है।

इतना ही नहीं जांच पड़ताल में ये भी मालूम चला है कि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से सुल्तान के काफी करीबी रिश्ते हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।