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चुनाव से पहले मची भगदड़: दूसरी पार्टी के नाराज नेताओं पर ‘भाजपा का लंगर’, कांग्रेस भी डाल रही डोरे

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जैसे-जैसे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे ही चुनावी राज्यों में हलचल तेज होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा का झगड़ा सोशल मीडिया से लेकर नेताओं के बीच तक पहुंच चुका है। पंजाब में अकाली और बसपा के गठबंधन से भाजपा ने राजनैतिक चालें बिछाने शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत केंद्रीय दरबार में हाजिरी लगाने लगे हैं। साथ ही राज्य में विरोधियों को थामने के लिए दामन भी आगे फैलाने लगे हैं। इन सब राजनैतिक उठापटक के बीच नाराज लोगों को अपने खेमे में शामिल करने के लिए राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो गयी है। शुरुआत भारतीय जनता पार्टी ने कर दी है। अब बारी दूसरी राजनीतिक पार्टियों की है।सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने अपनी एक विशेष टीम को जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं वहां पर विरोधी दलों के नाराज नेताओं की थाह लेने के लिए लगाया है। भाजपा की केंद्रीय टीम के सदस्य ने उत्तर प्रदेश में मची राजनैतिक उठापटक पर कुछ बोलने से इंकार तो कर दिया लेकिन ईशारा साफ था कि अगर उनकी अपनी-अपनी पार्टियों में मची बगावत और भगदड़ के बीच कोई उनके साथ शामिल होना चाहे तो उसका स्वागत है। दरअसल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अब खुला खेल शुरू कर दिया है। बसपा ने दो अपने विधायकों को निकाल कर संकेत दिया की बगावत नहीं चलेगी। वहीं बसपा के कुछ नाराज विधायक समाजवादी पार्टी खेमे में जाकर अखिलेश यादव से मिल आए। बीते कुछ दिनों से खबर यह भी है कि बसपा पूरी तरीके से टूट जाएगी।
बसपा खेमे के एक नाराज विधायक ने बताया की वह बसपा से निकलकर अपनी एक नई पार्टी बनाने वाले हैं जिसके नेता लालजी वर्मा होंगे। यह वही लालजी वर्मा है जिन्हें मायावती ने पिछले सप्ताह अपनी पार्टी से निकाल दिया था। मायावती को जब इस बात का अंदेशा हुआ कि उनकी पार्टी में टूट हो सकती है तो उन्होंने ट्वीट कर खुले तौर पर ऐलान कर दिया कि अगर समाजवादी पार्टी बसपा में तोड़फोड़ करती है तो समाजवादी पार्टी में भी बगावत और तोड़फोड़ होगी। मायावती ने कहा सपा के बहुत से विधायक उनके संपर्क में हैं। कुल मिलाकर मामला तोड़फोड़ और जोड़-तोड़ की राजनीति का शुरू हो चुका है।भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि सपा और बसपा की लड़ाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि वह कहते हैं कि कोई भी सदस्य किसी भी पार्टी का अगर भारतीय जनता पार्टी के विचारधारा से अपना जुड़ाव रखता है तो उसका पार्टी स्वागत करती है। लेकिन सपा बसपा की लड़ाई के मामले में भाजपा के सूत्र कुछ और ही कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है की दोनों प्रमुख विपक्षी पार्टियों के बड़े नेता और विधायक भाजपा के संपर्क में हैं बल्कि भाजपा भी इन नेताओं की थाह लेने में जुटी हुई है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से कई बड़े नाम उनसे जुड़ जाएंगे।
भाजपा ने अपनी टीम को सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पंजाब में भी एक्टिव कर रखा है। पंजाब भाजपा से जुड़े एक नेता ने बताया कि अगले एक हफ्ते के भीतर अलग-अलग समुदाय और अलग-अलग पार्टियों से जुड़े हुए कई अहम लोगों को उनकी पार्टी से जोड़ा जाना है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी तोड़फोड़ में भरोसा नहीं करती है लेकिन इस बात में हमेशा से उसका विश्वास रहा है कि कोई अगर उनकी नीतियों में भरोसा करता है तो पार्टी उसका स्वागत करती है। पंजाब में इसी तर्ज पर बहुत सारे लोगों को जोड़ने की शुरुआत हो चुकी है। पंजाब में अकाली और बसपा के साथ हुए गठबंधन के बाद एक खेमा नाराज भी हुआ है। भाजपा की नजर ऐसे नाराज खेमे पर है। खासतौर से मालवा और माझा इलाके में नाराज हुए कुछ अकाली नेताओं के संपर्क में भारतीय जनता पार्टी है।तोड़फोड़ में माहिर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं है बल्कि कांग्रेस समेत और भी पार्टियां इसमें आगे हैं। उत्तराखंड में भाजपा के एक बड़े तबके के नाराज होने का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बड़े स्तर पर फायदा मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कांग्रेस ने तो भारतीय जनता पार्टी के ऐसे कई बागी और नाराज नेताओं से संपर्क भी करना शुरू कर दिया है। दरअसल उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद बहुत सारे नेता अंदर ही अंदर भाजपा से नाराज चल रहे हैं। अब इस नाराज खेमे को अपने साथ जोड़ने में कांग्रेस अपनी राजनीति गोटियां बिछाने में लगी हुई है। उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेता ने बताया की भारतीय जनता पार्टी तो वैसे ही हार चुकी है। ऐसे में किसी भी भाजपा के नेता को लेने का मतलब ही नहीं बनता। फिर भी अगर कोई नेता उनके साथ कांग्रेस की विचारधारा के साथ आता है तो पार्टी ऐसे सभी लोगों का हमेशा से स्वागत करती रही है।