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UP और पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव, एक जैसी चुनौतियों से जूझ रहे CM योगी और कैप्‍टन अमरिंदर

एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे यूपी और पंजाब के मुख्‍यमंत्री योगी और कैप्‍टन दोनों से पार्टी के कई विधायक नाराज बताए जा रहे दोनों मुख्‍यमंत्रियों को दिल्‍ली जाकर शीर्ष नेतृत्‍व से करनी पड़ी मुलाकात उत्‍तर प्रदेश और पंजाब में अगले साल होने जा रहे हैं विधानसभा चुनाव आईपी सिंह, जालंधर/लखनऊ उत्‍तर प्रदेश और पंजाब दोनों ही राज्‍यों में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। दोनों राज्‍यों में चुनावी मुद्दे अलग-अलग हैं। उत्‍तर प्रदेश जहां हिंदुत्‍व विचारधारा का केंद्र है, वहीं पंजाब इसके पूरी तरह उलट है। बावजूद इसके दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री अपनी-अपनी पार्टी में एक जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ और पंजाब के मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह के कामकाज से उनके बहुत सारे विधायक असंतुष्‍ट बताए जा रहे हैं।

उत्‍तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी कामयाबी दोहराना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है। वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनावों में तगड़ी सफलता हासिल करने के लिए बीजेपी ने यूपी चुनाव पर पूरी तरह ध्‍यान केंद्रित कर लिया है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी पंजाब में दोबारा सत्‍ता हासिल करना बहुत जरूरी है। देश में अब चुनिंदा ही राज्‍य हैं जहां कांग्रेस सत्‍ता में है। कुछ समय पहले तक दोनों पार्टियों को लगता था कि यूपी और पंजाब में सत्‍ता बरकरार रखने में ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं आएगी पर अब उन्‍हें चुनावी नतीजों की फिक्र सताने लगी है।UP Assembly Election 2022: यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव में क्या योगी नहीं होंगे सीएम का चेहरा? केशव मौर्य के जवाब ने बढ़ाईं अटकलेंदोनों सीएम को शीर्ष नेतृत्‍व से मिलने जाना पड़ा दिल्‍लीपंजाब और उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्‍व ने अपने मुख्‍यमंत्रियों के बारे में सांसदों, विधायकों और मंत्रियों से फीडबैक लिया है।

सबसे बातचीत कर जानने की कोशिश की गई है कि जमीनी हालात क्‍या हैं। दोनों ही राज्‍यों में पार्टी के भीतर अंदरूनी विवाद सामने आए जिसके बाद मुख्‍यमंत्रियों की दिल्‍ली में शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई। जहां योगी आदित्‍यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिले, वहीं, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को सोनिया गांधी की तरफ से बनाई गई तीन सदस्‍यीय पैनल के सामने पेश होना पड़ा।UP News: अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल ने बीजेपी को यूपी में गठबंधन जारी रखने का भरोसा दियापंजाब में दलित तो यूपी में ब्राह्मण वोटरों पर जोरराजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो बीजेपी और कांग्रेस विशेष जाति के वोटरों को टॉरगेट करती है। पंजाब में जहां कांग्रेस दलितों को और ज्‍यादा प्रतिनिधित्‍व देने पर विचार कर रही है, वहीं यूपी में बीजेपी का जोर ब्राह्मणों को खुश करने में है। अपने उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए यूपी में ब्राह्मण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद पंजाब में सुखपाल सिंह खैहरा को दलित आइकन बनाने की बातें हो रही हैं। बीजेपी के हिंदुत्‍व चेहरे के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ही सबसे ज्‍यादा जाने जाते हैं।

वहीं, पंजाब में पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के बड़े नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को हराने के बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का भी कद काफी बढ़ चुका है।Punjab congress news: पंजाब समिति ने सोनिया को सौंपी रिपोर्ट, सिद्धू के लिए सिफारिश… बनाया जा सकता है डेप्‍युटी सीएममालेरकोटला पर भिड़ चुके हैं योगी और अमरिंदरगौरतलब है कि पिछले दिनों मालेरकोटला जिला बनाए जाने के मुद्दे पर योगी आदित्‍यनाथ और अमरिंदर सिंह की जुबानी भिड़ंत हो चुकी है। अमरिंदर सिंह ने पंजाब में मालेरकोटल को अलग जिला बना दिया है जहां सिर्फ मुस्लिम आबादी रहती है। योगी आदित्‍यनाथ ने सबसे पहले पंजाब सरकार के इस फैसले का विरोध जताया था। एक ओर जहां, योगी आदित्‍यनाथ विपक्षी नेताओं को लेकर बहुत सख्‍त रहते हैं, वहीं अमरिंदर सिंह को अपनी खुद की पार्टी के नेताओं के अलावा विपक्षी अकाली दल से कई मुद्दों पर विरोध का सामना करना पड़ता है। कोरोना की दूसरी महामारी के दौरान एक तरफ जहां यूपी में अस्‍पताल में बेडों और ऑक्सिजन की कमी के चलते लगातार लोगों की जान गई, वहीं पंजाब की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था इतनी चाकचौबंद रही कि दिल्‍ली समेत पड़ोसी राज्‍यों से भी लोग यहां के अस्‍पतालों में इलाज कराने के लिए आ रहे थे।