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फर्जी IAS-IPS बन नौकरी का झांसा देकर करता था ठगी, पूर्व डीएसपी का दामाद गिरफ्तार

गाजियाबादउत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सरकारी विभागों में पीआरओ और विदेशों में जॉब दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले शातिर को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। ठग कभी फर्जी आईएएस तो कभी मल्टिनैशनल रिक्रूटमेंट कंपनी का एचआर बन लोगों को फंसाता था। आरोपी ने लोगों को अपने अलग-अलग प्रोफाइल बताकर रुपये ऐंठे थे। मामले में इंदिरापुरम के रिटायर्ड मेजर, स्कूल की वाइस प्रिंसिपल समेत 3 लोगों ने शिकायत की थी, जिसके बाद जांच साइबर सेल को सौंपी गई थी। सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपित का नाम अनुज प्रकाश है। उसके अकाउंट की जानकारी की गई है। अकाउंट में करीब डेढ़ करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ। इसके अलावा बिहार के भी एक बैंक में उसका खाता है, जिसे ट्रांजैक्शन के लिए यूज किया गया।

उसके बारे में जानकारी की जा रही है।वियतनाम से लौट बन गया ठगजानकारी के अनुसार, अनुज प्रकाश दिल्ली से मास कॉम की पढ़ाई के बाद कुछ संस्थानों में जॉब करता था। इसके बाद 2016 में वियतनाम चला गया। जहां वह एक रिक्रूटमेंट कंपनी में जॉब करता था। 2018 तक वह वियतनाम रहा और यहां आने के बाद कुछ समय रिमोट पर काम कर था। हालांकि, कुछ समय बाद उसने जॉब छोड़ दी। उसके ससुर रिटायर्ड डीएसपी हैं। इस दौरान उसने कुछ लोगों को सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, एशिया के कई देशों में जॉब लगवाने, वीजा और अन्य फीस के नाम पर वसूली शरू कर दी। उसने शुरुआत में लिंकडिन के माध्यम से लोगों से संपर्क करना शुरू किया और अपने आप को बड़ी कंपनी में एचआर मैनेजर बताता था।बेटी के स्कूल में खुद को आईएएस बता बना था चीफ गेस्टउसकी बेटी मोरटी के स्कूल में पढ़ाई करती है।

उसने स्कूल में खुद को आईएएस अधिकारी बताया था, जिसके बाद उसे फरवरी 2019 में एक कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में बुलाया गया। उसने बाद में वाइस प्रिंसिपल से बात होने पर खुद को आईपीएस अधिकारी बताया था, जिसके बाद उसने अपनी पहुंच के नाम पर लोगों को ठगना शुरू दिया। उसने स्कूल की वाइस प्रिंसिपल को एक सरकारी विभाग की पीआरओ बनवाने के नाम पर 3 लाख 90 हजार रुपये लिए। वहीं, रिटायर्ड मेजर को सिंगापुर तो एक अन्य व्यक्ति थाइलैंड में जॉब दिलवाने के नाम पर ठगी की।कॉन्टेक्ट के हिसाब से बदल लेता था प्रोफाइलसाइबर सेल प्रभारी ने बताया कि अनुज लोगों के हिसाब से अपना प्रोफाइल बताता था। लिंकडिन पर वह अपनी प्रोफाइल एक एचआर मैनेजर की बताता था, लेकिन मिलने वाले लोगों को आईपीएस या आईएएस अधिकारी बताकर ठगता था। इस दौरान ऐसे लोग जो हाईप्रोफाइल होते थे कई बार उनके रुपये लौटा भी देता था।