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प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश एवं कुशल प्रबंधन से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश एवं कुशल प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण काफी हद तक नियंत्रित हो गया है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन बेहतर होती जा रही है। ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नये केस इकाई में आ रहे हैं, तो कई जनपदों में नये केस नहीं मिल रहे। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 6,019 रह गए हैं। 3,049 लोग होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। यह स्थिति प्रदेश के लिए संतोषप्रद है। अब तक कुल 16 लाख 75 हजार 685 लोग कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 03 लाख सैम्पल टैस्ट हो रहे हैं। पॉजिटिविटी दर 0.1 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 98.4 प्रतिशत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 44 लाख 36 हजार 119 कोविड टेस्ट हो चुके हैं। जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण की पहली डोज प्राप्त कर चुके लोगों की संख्या 02 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 39 लाख 11 हजार लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग के 50 लाख 81 हजार युवाओं को वैक्सीन कवर मिल चुका है। इस तरह अब तक 02 करोड़ 42 लाख 57 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है। प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। प्रदेश में 441 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। इनमें से लगातार प्रयासों से अब तक 100 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में भारत सरकार से भी समन्वय बनाए रखा जा रहा है। 50 बेड से अधिक सभी अस्पताल ऑक्सीजन की आवश्यकता के लिहाज से आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
कोरोना प्रबंधन में गठित निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई जरूरतमंद राशन से वंचित न रहे। हर गरीब, निराश्रित और अन्य पात्र लोगों को राशन मिल रहा है और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। कोरोना के नियंत्रण से हम सभी को यह समझना होगा कि वायरस कमजोर पड़ा है, समाप्त नहीं हुआ है। थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। इसलिए कोरोना को हराने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।