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पुण्यतिथि विशेष: काशी में डा. हेडगेवार ने लगाई थी पहली शाखा, महामना ने दिया था निमंत्रण

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महामना मदन मोहन मालवीय के निमंत्रण पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार काशी पहुंचे थे। उन्होंने वाराणसी के धनध्यानेश्वर मोहल्ले में 90 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली शाखा की नींव रखी थी। काशी आने और शाखा खोलने का निमंत्रण स्वयं मालवीय जी ने नागपुर जाकर दिया था।बीएचयू के पूर्व कुलपति डॉ. दुर्ग सिंह चौहान, रामकुमार गुप्ता व जपलालजी ने बताया कि द्वितीय सर संघ चालक गोलवलकरजी से भी डॉ. हेडगेवार की मुलाकात काशी में मालवीय जी ने ही कराई थी। 20 अप्रैल 1929 को अकोला में हिंदू महासभा की एक सभा में भाग लेने पंडित मदन मोहन मालवीय पहुंचे। कुछ दूरी पर एक और सभा चल रही थी, उसमें भी भीड़ थी।उन्होंने कौतूहलवश पूछा वहां कैसी भीड़  है तो लोगों ने बताया कि वहां डॉ. हेडगेवार आए हैं। मालवीय जी भीड़ देखकर बहुत प्रभावित हुए और निर्णय लिया कि इस व्यक्ति से मुझे मिलना है और फिर संघ के केंद्रीय कार्यालय जाकर उनसे मिले।
मालवीयजी ने हेडगेवार को काशी आकर शाखा खोलने का आमंत्रण दिया। उन्होंने संघ को आर्थिक मदद देने का भी प्रस्ताव रखा जिसे डॉक्टर साहब ने विनम्रतापूर्वक नकार कर दिया। उसके बाद डॉक्टर साहब जेल चले गए। बाद में सावरकर ने पत्राचार कर डॉ. हेडगेवार को काशी आने का लिखित आमंत्रण भेजा। डॉ. साहब 1931 में काशी पहुंचे। 13 मार्च को रतन फाटक स्थित अमृत भवन के निकट धनध्यानेश्वर मंदिर के पास मैदान में शाखा लगी। बाढ़ आ जाने के कारण शाखा कभी ब्रह्मघाट या बिंदु माधव माधव मैदान और अब फणनवीस बाड़ा में लगती है।जन्म एक अप्रैल 1819मृत्यु 21 जून 1940

महामना मदन मोहन मालवीय के निमंत्रण पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार काशी पहुंचे थे। उन्होंने वाराणसी के धनध्यानेश्वर मोहल्ले में 90 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली शाखा की नींव रखी थी। काशी आने और शाखा खोलने का निमंत्रण स्वयं मालवीय जी ने नागपुर जाकर दिया था।बीएचयू के पूर्व कुलपति डॉ. दुर्ग सिंह चौहान, रामकुमार गुप्ता व जपलालजी ने बताया कि द्वितीय सर संघ चालक गोलवलकरजी से भी डॉ. हेडगेवार की मुलाकात काशी में मालवीय जी ने ही कराई थी। 20 अप्रैल 1929 को अकोला में हिंदू महासभा की एक सभा में भाग लेने पंडित मदन मोहन मालवीय पहुंचे। कुछ दूरी पर एक और सभा चल रही थी, उसमें भी भीड़ थी।

उन्होंने कौतूहलवश पूछा वहां कैसी भीड़  है तो लोगों ने बताया कि वहां डॉ. हेडगेवार आए हैं। मालवीय जी भीड़ देखकर बहुत प्रभावित हुए और निर्णय लिया कि इस व्यक्ति से मुझे मिलना है और फिर संघ के केंद्रीय कार्यालय जाकर उनसे मिले।मालवीयजी ने हेडगेवार को काशी आकर शाखा खोलने का आमंत्रण दिया। उन्होंने संघ को आर्थिक मदद देने का भी प्रस्ताव रखा जिसे डॉक्टर साहब ने विनम्रतापूर्वक नकार कर दिया। उसके बाद डॉक्टर साहब जेल चले गए। बाद में सावरकर ने पत्राचार कर डॉ. हेडगेवार को काशी आने का लिखित आमंत्रण भेजा। डॉ. साहब 1931 में काशी पहुंचे। 13 मार्च को रतन फाटक स्थित अमृत भवन के निकट धनध्यानेश्वर मंदिर के पास मैदान में शाखा लगी। बाढ़ आ जाने के कारण शाखा कभी ब्रह्मघाट या बिंदु माधव माधव मैदान और अब फणनवीस बाड़ा में लगती है।जन्म एक अप्रैल 1819मृत्यु 21 जून 1940