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रूद्रा बिल्डर्स के प्रोपराइटर मुकेश खुराना की पेरोल मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रुद्रा बिल्डर्स के प्रोपराइटर मुकेश खुराना की 60 दिन के लिए सशर्त शार्ट टर्म जमानत मंजूर कर ली है। साथ ही कहा कि यह अवधि बीतने के बाद उन्हें अदालत में सरेंडर करना होगा। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने यह आदेश हार्ट व ब्लड प्रेशर की याची की बीमारी और सह अभियुक्त गौतम मेहरा को अंतरिम जमानत मिलने के आधार पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची अपना पासपोर्ट अदालत में जमा कर देगा और अदालत की अनुमति बगैर देश नहीं छोड़ेगा। इसके अलावा निवेशकों के दावे का निपटारा करेगा।रुद्रा ग्रुप ऑफ कंपनीज व रुद्रा बिल्डर्स के प्रमोटर खुराना ने 2012 में गाजियाबाद में पावो रियल प्रोजेक्ट शुरू किया। सैकड़ों लोगों से फ्लैट देने के नाम पर योजना में निवेश कराया। जिस जमीन पर बिल्डिंग बननी थी, वह गांवसभा की जमीन थी। नतीजतन न किसी को फ्लैट मिला और न ही पैसा वापस किया गया। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।गौतमबुद्धनगर के सेक्टर सात के फेज थ्री थाने में एफआईआर दर्ज हुई और याची को जेल भेज दिया गया। जेल में बीमार होने पर सफदरजंग अस्पताल में 45 दिन इलाज के बाद उसे फिर जेल भेज दिया गया। उसके बाद हार्ट अटैक के खतरे को लेकर याची ने सुप्रीम कोर्ट से शार्ट टर्म जमानत की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को  अर्जी तय करने को कहा था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रुद्रा बिल्डर्स के प्रोपराइटर मुकेश खुराना की 60 दिन के लिए सशर्त शार्ट टर्म जमानत मंजूर कर ली है। साथ ही कहा कि यह अवधि बीतने के बाद उन्हें अदालत में सरेंडर करना होगा। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने यह आदेश हार्ट व ब्लड प्रेशर की याची की बीमारी और सह अभियुक्त गौतम मेहरा को अंतरिम जमानत मिलने के आधार पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची अपना पासपोर्ट अदालत में जमा कर देगा और अदालत की अनुमति बगैर देश नहीं छोड़ेगा। इसके अलावा निवेशकों के दावे का निपटारा करेगा।

रुद्रा ग्रुप ऑफ कंपनीज व रुद्रा बिल्डर्स के प्रमोटर खुराना ने 2012 में गाजियाबाद में पावो रियल प्रोजेक्ट शुरू किया। सैकड़ों लोगों से फ्लैट देने के नाम पर योजना में निवेश कराया। जिस जमीन पर बिल्डिंग बननी थी, वह गांवसभा की जमीन थी। नतीजतन न किसी को फ्लैट मिला और न ही पैसा वापस किया गया। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

गौतमबुद्धनगर के सेक्टर सात के फेज थ्री थाने में एफआईआर दर्ज हुई और याची को जेल भेज दिया गया। जेल में बीमार होने पर सफदरजंग अस्पताल में 45 दिन इलाज के बाद उसे फिर जेल भेज दिया गया। उसके बाद हार्ट अटैक के खतरे को लेकर याची ने सुप्रीम कोर्ट से शार्ट टर्म जमानत की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को  अर्जी तय करने को कहा था।