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अपना लक्ष्य साधकर लौटेंगे भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष, राज्य में बिताएंगे तीन दिन

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पिछले 15 दिनों में उत्तर प्रदेश में बाहरी तौर पर काफी कुछ बदला है। एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राज्य सरकार पर दबदबा दिखाई देने लगा है। इसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भाजपा ने अपने संगठन में कई चेहरों को शामिल किया है। लेकिन सरकार के भीतर अभी कुछ हलचल चल रही है। पिछले दिनों 2022 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने भी काफी हलचल मचाई। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के संगठन मंत्री इन सभी मुद्दों के समाधान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को एक लक्ष्य बनाकर तैयारी करने का मंत्र देकर लौटेंगे।उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में कुछ चेहरे अब भी ऐसे हैं, जिनकी कुछ नाराजगी बनी हुई है। बीएल संतोष के इस दौरे में इसका भी हल संभव है। इसके अलावा राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल तथा विस्तार तथा भाजपा के संगठन में संभावित बदलाव आदि की भी वह समीक्षा कर सकते हैं। इससे पहले बीएल संतोष 31 मई से दो जून तक लखनऊ में ही थे। इस बार वह सोमवार, मंगलवार और बुधवार (तीन दिन) के लिए राज्य में हैं। इस दौरान वह संगठन के नेताओं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, समेत अन्य मंत्रियों नेताओं से भेंट, मुलाकात करेंगे। कई स्तर की समीक्षा बैठकों में हिस्सा लेंगे। हालांकि भाजपा मुख्यालय अभी संगठन मंत्री के लखनऊ दौरे को लेकर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है।
सरकार, संगठन और कार्यकर्ताओं में बनाना है तालमेल
संगठन मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य सरकार, भाजपा और अन्य संगठन, विभाग तथा राज्य में फैले कार्यकर्ताओं में तालमेल बैठाकर उत्साह भरने की चुनौती है। बीएल संतोष सांगठनिक मामलों में अच्छी समझ रखते हैं। उन्हें पता है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पैदा हुई नकारात्मकता, सरकार विरोधी लहर को सरकार और पार्टी संगठन में तालमेल पैदा करके ही खत्म किया जा सकता है। यही वजह है कि उन्होंने 31 मई से दो जून तक भाजपा नेताओं को ध्यान से सुना। उसके बाद दिल्ली आए। शीर्ष नेताओं में मंत्रणा हुई। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी दिल्ली में अपना समय दिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन मंत्री बीएल संतोष भी आए। इसका नतीजा भी निकला। उत्तर प्रदेश में नौकरशाहों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण हुए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन हुआ। भाजपा ने एके शर्मा को उपाध्यक्ष, प्रांशुदत्त द्विवेदी को युवा मोर्चा और कामेश्वर सिंह को किसान मोर्चा का प्रमुख बनाया। भाजपा में दो मंत्रियों की नियुक्ति हुई और कई मोर्चे के प्रभारी बनाए गए।अब संगठन मंत्री का अगला कदम राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव तथा फेरबदल को लेकर हो सकता है। राज्य सरकार के एक विश्वस्त सूत्र का कहना है कि जून के आखिरी सप्ताह तक मंत्रिमंडल को लेकर भी निर्णय होना है। समझा जा रहा है कि इसी तरह का उद्देश्य लेकर बीएल संतोष लखनऊ में हैं।