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हर बार घाघरा नदी दे जाती है दर्द… इस बार फिर पलायन को मजबूर लोग

पिछले साल जिन लोगों को दूसरी जगह बसाया गया, उनके आवास अभी तक नहीं बनेहर साल घाघरा नदी का रौद्र रूप देखकर सहम जाते हैं आसपास के लोगइस साल भी कई गांवों के लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैंवेद नारायण मिश्रा, मऊघाघरा नदी का रौद्र रूप देखते ही ग्रामीणों के मन में भय का माहौल बन जाता है। मऊ जिले के मधुबन तहसील के अंतर्गत ग्राम धर्मपुर बिशुनपुर का मजरा बिनटोलिया के ग्रामवासी हर वर्ष बाढ़ के खतरे को देखते ही वहां से पलायन कर जाते हैं। पिछले वर्ष जिला प्रशासन ने 30 परिवारों को दूसरी जगह जमीन देकर कब्जा दिलाया, लेकिन अभी भी सरकारी लापरवाही के कारण आवासों का निर्माण नहीं हो पाया।मधुबन विधानसभा क्षेत्र से जीते दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

इसके बावजूद यहां के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। क्षेत्र की अनदेखी किए जाने से यहां के नागरिकों में काफी रोष है। हर वर्ष बाढ़ के समय गांव के सभी लोगों को लगभग 2 से 3 माह प्राथमिक विद्यालयों में शरण लेना पड़ता है। ‘कोई हाल जानने नहीं आता’पार्वती बताती हैं कि जनप्रतिनिधि से लेकर कोई भी अधिकारी उन लोगों के मुसीबत में साथ नहीं देता है। मूस चौहान और कैलाश निषाद ने बताया कि खेती ही हम लोगों के लिए आय का साधन होता है, लेकिन बाढ़ में पूरा खेत पानी में डूब जाता है। बाढ़ के समय हम लोग नाव चलाकर अपनी जीविका चलाने पर मजबूर होते हैं, लेकिन उस पर भी ग्रहण लगा हुआ है। पिछले साल का रुपया अभी तक नहीं मिला है। Gopalganj News: बाढ़ जैसे हालात के बीच आई दर्दनाक तस्वीर, देखिए कैसे अपने हाथों से घर तोड़ने को मजबूर हुए लोगएसडीएम बोले- जल्द होगा भुगतानएसडीएम लालबाबू दुबे (SDM Lal Babu Dubey) ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ़ में 30 परिवारों को दूसरे गांव के मौजा मझौवा में जमीन पर कब्जा दिलवाया गया है और इसी वर्ष आवासों का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। नाविकों का पिछले वर्ष का भुगतान कुछ कमियों की वजह से रुका है, उसे जल्द से जल्द करवा लिया जाएगा।