Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

बच्चों पर चल रहा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, कानपुर देहात में 2 साल की बच्ची को दी गई COVAXIN

भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन Covaxin का बच्चों पर ट्रायल शुरू कियाकानपुर देहात में एक दो साल और आठ महीने की बच्ची को वैक्सीन लगाई गई है कानपुर देहात के प्रखर अस्पताल में डॉक्टर की बेटी पर हुआ वैक्सीनेशन का ट्रायलDGCI ने मई में दी बच्चों पर कोवैक्सीन के 2-3 चरण का ट्रायल शुरू करने की अनुमतिकानपुर देहाततीसरी लहर से निपटने के लिए भारत ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्पतालों में बेड और ऑक्सिजन की सप्लाई बढ़ाने से लेकर बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन इजाद करने पर भी पूरा जोर है। भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन Covaxin का बच्चों पर ट्रायल शुरू कर दिया है। गुरुवार को यूपी के कानपुर देहात में एक दो साल और आठ महीने की बच्ची को वैक्सीन लगाई गई है।लड़की कानपुर देहात के एक डॉक्टर की बेटी है।

कानपुर देहात के प्रखर अस्पताल में बच्ची का वैक्सीनेशन किया गया। अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि कानपुर के अस्पताल में 2-6 साल की तीन लड़कियों और दो लड़कों सहित लगभग पांच बच्चों को टीका लगाया गया है।वैक्सीनेशन के बाद 2 घंटे निगरानी में रहते हैं बच्चेप्रवक्ता ने कहा कि बच्चों को घर जाने से पहले दो घंटे तक निगरानी में रखा गया। जिन बच्चों का टीकाकरण किया गया है, उनका सुरक्षा प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने मई में भारत बायोटेक को दो साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सीन के 2-3 चरण का ट्रायल शुरू करने की अनुमति दी थी। एम्स दिल्ली और पटना सहित कई अस्पतालों ने भी बच्चों पर कोवैक्सीन का परीक्षण शुरू किया गया है।एम्स में चल रहा वैक्सीनेशन नए चरण में पहुंचाउधर राजधानी दिल्ली के एम्स में दो से 18 साल के बच्चों पर चल रहा कोवैक्सिन का ट्रायल गुरुवार को नए चरण में पहुंच गया है। गुरुवार को पहली बार दो से छह साल के बच्चों को ट्रायल डोज दी जाएगी। दो से 18 साल के जिन बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, उनमें से ज्यादातर बच्चे स्वास्थ्यकर्मियों के ही हैं। इनके मुकाबले आम पब्लिक के कम बच्चे ट्रायल में शामिल हैं। ट्रायल में शामिल कई बच्चों में एंटीबॉडीज भी पाई गई हैं।ट्रायल में शामिल ज्यादातर बच्चे हेल्थवर्कर्स के ही हैंएम्स के एक सूत्र के मुताबिक, हेल्थकेयर वर्कर्स के कितने बच्चे ट्रायल में शामिल हैं, इनकी तय संख्या की जानकारी नहीं है लेकिन जितने बच्चों पर यह ट्रायल हो रहा है, उनमें से अधिकतर बच्चे हेल्थ वर्कर्स के हैं। एम्स के डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ और हेल्थकेयर से जुड़े अन्य स्टाफ के बच्चों को इसमें शामिल किया गया है। हालांकि, इन सभी की मंजूरी से बच्चों को ट्रायल में शामिल किया गया है और अभी तक सभी बच्चों में अच्छा परिणाम भी देखने को मिल रहा है।