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प्रयागराज के एक प्रोफेसर भी खुफिया एजेंसियों के रडार पर, एटीेएस को मिली अहम जानकारी

दिल्ली में दो मौलानाओं की गिरफ्तारी के बाद धर्म परिवर्तन मामले के तार संगमनगरी से भी जुड़े मिले हैं। शहर के एक प्रोफेसर खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। दरअसल मामले में गिरफ्तार किए डॉ. उमर गौतम ने जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया, उनमें एक 26 वर्षीय छात्रा भी शामिल थी जिसने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने का फैसला यहीं पढ़ने के दौरान किया था। एटीएस के मुताबिक प्रोफेसर ने ही छात्रा को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया था। मामले में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम व जहांगीर आलम से पूछताछ मेें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। यह बात सामने आई थी कि कानपुर के घाटमपुर निवासी 26 वर्षीय छात्रा भी उन लोगों में शामिल थी जिनका धर्म परिवर्तन कराया गया। पड़ताल में पता चला कि उसने इस्लाम अपनाने का फैसला संगमनगरी में रहने वाले प्रोफेसर के प्रभाव में आकर किया। वर्तमान में नोएडा में रहकर काम करने वाली इस छात्रा ने शहर के एक नामी संस्थान से एमबीए किया था और सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी। इस दौरान वह प्रोफेसर के संपर्क में आई और फिर लगातार उनसे मिलती रही।

एटीएस की पड़ताल के मुताबिक, प्रोफेसर ने ही उसे इस्लाम के बारे में शिक्षा दी। जिसका असर यह हुआ कि उसका झुकाव इस्लाम के प्रति इस कदर हुआ कि उसने धर्म परिवर्तन कर लिया। इस खुलासे के बाद प्रोफेसर भी खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं।सूत्रों का कहना है कि प्रोफेसर की गतिविधियों की गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि प्रोफेसर कहीं दिल्ली स्थित इस्लामिक दावा सेंटर से जुड़े तो नहीं रहे। इसके अलावा उनके और उमर गौतम के बीच कनेक्शन का भी पता लगाया जा रहा है। हालांकि पुलिस अफसर ऐसी किसी जानकारी से इंकार कर रहे हैं। मामले मेें डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें फिलहाल ऐसा कोई भी इनपुट अब तक नहीं मिला है। न ही उनसे इस मामले में एटीएस या अन्य किसी जांच एजेंसी ने संपर्क किया है। शहर में ही रहकर उमर ने की थी इंटर की पढ़ाईउधर मामले में गिरफ्तार उमर गौतम का भी शहर से कनेक्शन सामने आया है। दरसअल फतेहपुर के रहने वाले उमर उर्फ श्याम प्रताप सिंह ने इंटर की पढ़ाई प्रयागराज के ही एक कॉलेज से की थी। इसके बाद वह बीएससी करने नैनीताल चला गया और वहीं पर इस्लाम धर्म अपना लिया। इसके अलावा उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह भी लिख रखा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का भतीजा है। हालांकि जब पूर्व पीएम के पैतृक गांव मांडा में इसकी पड़ताल की गई तो उसके बारे में कोई कुछ नहीं बता सका।

दिल्ली में दो मौलानाओं की गिरफ्तारी के बाद धर्म परिवर्तन मामले के तार संगमनगरी से भी जुड़े मिले हैं। शहर के एक प्रोफेसर खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। दरअसल मामले में गिरफ्तार किए डॉ. उमर गौतम ने जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया, उनमें एक 26 वर्षीय छात्रा भी शामिल थी जिसने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने का फैसला यहीं पढ़ने के दौरान किया था। एटीएस के मुताबिक प्रोफेसर ने ही छात्रा को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया था।

मामले में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम व जहांगीर आलम से पूछताछ मेें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। यह बात सामने आई थी कि कानपुर के घाटमपुर निवासी 26 वर्षीय छात्रा भी उन लोगों में शामिल थी जिनका धर्म परिवर्तन कराया गया। पड़ताल में पता चला कि उसने इस्लाम अपनाने का फैसला संगमनगरी में रहने वाले प्रोफेसर के प्रभाव में आकर किया। वर्तमान में नोएडा में रहकर काम करने वाली इस छात्रा ने शहर के एक नामी संस्थान से एमबीए किया था और सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी। इस दौरान वह प्रोफेसर के संपर्क में आई और फिर लगातार उनसे मिलती रही। एटीएस की पड़ताल के मुताबिक, प्रोफेसर ने ही उसे इस्लाम के बारे में शिक्षा दी। जिसका असर यह हुआ कि उसका झुकाव इस्लाम के प्रति इस कदर हुआ कि उसने धर्म परिवर्तन कर लिया। इस खुलासे के बाद प्रोफेसर भी खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं।

सूत्रों का कहना है कि प्रोफेसर की गतिविधियों की गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि प्रोफेसर कहीं दिल्ली स्थित इस्लामिक दावा सेंटर से जुड़े तो नहीं रहे। इसके अलावा उनके और उमर गौतम के बीच कनेक्शन का भी पता लगाया जा रहा है। हालांकि पुलिस अफसर ऐसी किसी जानकारी से इंकार कर रहे हैं। मामले मेें डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें फिलहाल ऐसा कोई भी इनपुट अब तक नहीं मिला है। न ही उनसे इस मामले में एटीएस या अन्य किसी जांच एजेंसी ने संपर्क किया है।
शहर में ही रहकर उमर ने की थी इंटर की पढ़ाई
उधर मामले में गिरफ्तार उमर गौतम का भी शहर से कनेक्शन सामने आया है। दरसअल फतेहपुर के रहने वाले उमर उर्फ श्याम प्रताप सिंह ने इंटर की पढ़ाई प्रयागराज के ही एक कॉलेज से की थी। इसके बाद वह बीएससी करने नैनीताल चला गया और वहीं पर इस्लाम धर्म अपना लिया। इसके अलावा उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह भी लिख रखा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का भतीजा है। हालांकि जब पूर्व पीएम के पैतृक गांव मांडा में इसकी पड़ताल की गई तो उसके बारे में कोई कुछ नहीं बता सका।