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नोएडा में सबसे बड़ी चोरी….एक और आरोपी गिरफ्तार, बरामद लाल बैग खोलेगा रमापति पांडेय के कई राज

नोएडा में सबसे बड़ी चोरी की नहीं दर्ज हुई थी एफआईआरपुलिस ने बरामद किया सोना और कैशकिसलय पांडेय और रमापति पांडेय का था बरामद चोरी का सोना और कैशनोएडायूपी में ग्रेटर नोएडा की पूर्वांचल सिल्वर सिटी सोसायटी के फ्लैट से हुई चर्चित चोरी में शनिवार को नोएडा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। सेक्टर-39 थाना पुलिस ने कालिंदीकुंज के पास से इस चोरी में फरार आरोपी सन्नी निवासी कोतवालपुर गाजियाबाद को गिरफ्तार किया। इसके कब्जे से चोरी हुआ 2 किलो सोना, प्रॉपर्टी दस्तावेज के साथ लाल रंग का एक बैग बरामद हुआ है।पुलिस के मुताबिक, इस बैग में राममणि पांडे,य उनकी पत्नी संजू पांडेय और बेटे किसलय पांडेय के दस्तावेज बरामद हुए हैं। यह जानकारी नोएडा डीसीपी राजेश एस व एडीसीपी रणविजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बैग से बरामद दस्तावेज से यह साबित हो गया है कि फ्लैट में रखी संपत्ति राममणि पांडेय, उनकी पत्नी और उनके बेटे किसलय पांडेय की ही थी।बरामद आई कार्डमास्टरमाइंड का साथी है सन्नीडीसीपी ने बताया कि सन्नी चोरी के मास्टरमाइंड गोपाल का साथी और उसी के गांव कोतवालपुर का निवासी है। पुलिस ने सन्नी पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ था।

अब सन्नी से पूछताछ में गोपाल और अभी तक जिन दो आरोपियों की पहचान छिपी है उनसे जुडी अहम जानकारी सामने आने की उम्मीद है। कुछ जानकारियां पुलिस को मिल भी चुकी हैं।40 किलो सोना चोरी का मामलापुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोपाल समेत 3 आरोपियों की गिरफ्तारी इस प्रकरण में बाकी है। इसके लिए टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। गोपाल पर इनाम भी घोषित किया जा चुका है। 40 किलो सोना और 6.5 करोड़ कैश चोरी का खुलासा नोएडा पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 11 जून को किया था। आरोपियों के कब्जे से 13 किलो सोना व 57 लाख कैश बरामद हुआ था।बरामद हुआ सोनाइसके बाद प्रदीप नाम के एक ड्राइवर को 39 थाना पुलिस ने 21 जून को गिरफ्तार किया था। फ्लैट से चोरी के आरोप में सेक्टर -39 थाना पुलिस 8 आरोपी गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार हुए आरोपित में राजन भाटी , अनिल , बिंटू शर्मा निवासी सलारपुर, नीरज और जय सिंह निवासी भूड़ा, अरुण निवासी मुरादाबाद, प्रदीप निवासी लखावटी मढैया बुलंदशहर शामिल हैं।कागजात जलाने के लिए कहा थासिल्वर सिटी के फ्लैट से चोरी के बाद संपत्ति का बंटवारा ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-जू में हुआ था। यहां पर सन्नी को 40 लाख रुपये और दो किलो सोना मिला था। लाल रंग के बैग में दस्तावेज निकले थे। इसके बाद चोरी के मास्टरमाइंड गोपाल ने यह बैग सन्नी को सौंप कर जला देने या नहर में फेंक देने के लिए कहा था, लेकिन सन्नी ने ऐसा नहीं किया। सन्नी के दिमाग में यह आया कि इसमें रखे संपत्ति के दस्तावेज उसके लिए आगे भी फायदेमंद साबित होंगे।

चोरी में मिली रकम से सन्नी ने दनकौर और दादरी में दो प्लॉट, एक कार और अन्य सामान खरीदा था। किसी को शक न हो, इसलिए बुलंदशहर में जाकर अपना काम करने लगा था।गिरफ्तार हुए आरोपित सन्नी से मिले बैग में जो दस्तावेज निकले हैं वह राममणि पांडेय, संजू पांडेय और किसलय पांडेय के हैं। इससे यह सीधे तौर पर साबित हो रहा है कि फ्लैट में इन्हीं लोगों ने अपनी संपत्ति रखवाई थी। अब आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी राय ली जा रही है। इन तीनों को पुलिस पहले से नोटिस जारी कर चुकी है।रणविजय सिंह, एडीसीपी, नोएडाअब तक संपत्ति और फ्लैट से इनकार कर रहा था किसलयएडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सन्नी उर्फ अश्वनी से मिले बैग में राममणि पांडेय और उसके परिवार के दस्तावेज मिले हैं। इसमें ग्रेटर नोएडा के मोगेलो पोलिस नाम के एक प्रॉजेक्ट में दो प्लॉट के अहम दस्तावेज हैं। एक प्लॉट संजू पांडेय और दूसरा किसलय पांडेय के नाम पर है।

प्लॉट नंबर-180 व 125 यह 88-88 लाख रुपये में खरीदे गए थे। इसके साथ ही किसलय, राममणि और संजू से जुड़े अन्य दस्तावेज भी इस बैग से मिले हैं।बरामदगी में कई बैंक के डेबिट कार्ड, 5 महंगी कारों के दस्तावेज जिनमें बीएमडब्ल्यू और मर्सिडिज भी शामिल हैं। विदेश में बैठा किसलय पांडेय अब तक खुद के या परिवार के फ्लैट से चोरी हुई संपत्ति से कोई भी ताल्लुक होने से इनकार कर रहा था। राममणि पांडेय और उनकी पत्नी संजू पांडेय घर से फरार हैं।जौनपुर में सरकारी कर्मचारियों का करवाया था स्टिंगएडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि बैग से राममणि पांडेय और उसके बेटे किसलय पांडेय के दो आईकार्ड भी मिले हैं। इन आईकार्ड में उनको जर्नलिस्ट बताया गया है।इसके साथ ही जौनपुर जिले में एक सरकारी विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का इन दोनों की तरफ से स्टिंग ऑपरेशन कराए जाने के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। यह स्टिंग राममणि की बनाई एक संस्था की तरफ से करवाया गया था। स्टिंग का मकसद क्या था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।