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रोते भी इतने सारे थे, ऐसे पंचम दामन का नाम ‘पंचम’

आरडी बर्मन जयंती: एक संगीत और एक है अमर संगीत। आज के दिन 27 जून को ऐसा ही खतरनाक होने का खतरा था, जैसा कि आकाश में खतरनाक थे, जैसे कि आकाश में होने के लिए खतरनाक थे। कहा गया है कि सबबमन बात की लव से लेकर पंचम दा खेल में लिखा गया है। । 60 से 80 के शतक में पंचम दा ने एक से ऐसे गाने दिए। उ संगीत की दुनिया में चलने वाली मिसाइलें ‘पंचम’ हवा की कहानी ‘पंचम दा’ की कहानी। मजेदार है आरडी बर्मन की कहानीआरडी बर्मन प्रसिद्ध संगीतकार सचिन देव बर्मन के बेटे थे। मई 27 जून 1939 कोटा में था। शुरू से ही घर में बज रहा था। ऊपर 9 साल की आयु में एक आकर्षक कैमरा था। ये गाना था, ‘ऐ मेरी पलटा के’ पल पल में ‘फंटूश’ में। यक़ीनन स्थायी आयु में ‘सर जो तेरा चकरा’ गीत धुनी थे। ये गण्य प्रदर्शन। इस गाने ने उन्हें बनाया था। बर् । उनके । लेकिन बाद में सिंगिग में भी ‘पंचम दा’राहुल देव बर्मन के पंचम ऐ की कहानी भी मज़ेदार है। जब अशोक लबमन प्रिय सेलू थे। अशोक कुमार जौर-जोर से रोहू। ये आवाज बालक कुमार ने ऐसा कहा था कि ये तो रोता भी सुर में था। आगे चलने वाले नाम में पंछम दा से ‘पंचम दा’ जाने लगे। लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, भोंसले और कुमार के साथ सुप्रसिद्ध गीत। किशोर कुमार के साथ जुड़ने वाली जंजी। जादू का जादू आज भी लोगों की तेज गति है। भारतीय रेडियो बजने वाले बजने वाले बजने वाले मैसेज अपडेट होने के बाद भी ऐसा ही होता है। .