रुहेलखंड में 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले शहीद-ए-आजम रुहेला सरदार नवाब खान बहादुर खान के वंशज नवाब शफ्फन खान का बुधवार को इंतकाल हो गया। उन्हें जोहर के वक्त नमाजे जनाजा के बाद भूड़ कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। जनाजे में शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार भी शामिल हुए।नवाब परिवार से होने के बावजूद नवाब शफ्फन के परिवार को कुछ सालों में बेहद दुश्वारियों से गुजरना पड़ा। शफ्फन खान और उनके भाई लियाकत खान ने अपनी मेहनत-मशक्कत से परिवार को संभाला। छोटे भाई लियाकत खान ने बताया कि शफ्फन खान की उम्र लगभग 80 साल थी। चार-पांच दिनों से उन्हें काफी कमजोरी थी। नमाज भी छूट गई थी। भूड़ में घर पर ही रहकर इलाज चल रहा था। अचानक सुबह उनका इंतकाल हो गया। उनके एक बेटा सलीम खान और एक बेटी है।
सोयम कल होगा
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