वर्चुअल सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों द्वारा उचित ड्रेस न पहनने या चलताऊ रवैया अपनाने पर नाराजगी जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेतावनी दी है कि वर्चुअल सुनवाई भी पूर्ण रूप से अदालती कार्यवाही है। इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से भी कहा है कि वह सदस्यों से कोर्ट कार्यवाही में उचित स्वीकृत पहनावा पहनने और शांति पूर्ण वातावरण में अपना पक्ष रखने की सलाह दें। कोर्ट ने कहा कि वकीलों का कैजुअल रवैया न्याय प्रशासन में अवरोध उत्पन्न कर रहा है।जैसे खुली अदालत में बहस की जाती है,वर्चुअल सुनवाई को भी घर,आफिस या चैंबर को कोर्ट का हिस्सा समझकर बहस की जाए।यह आदेश न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी ने ज्योति कि जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।अर्जी की सुनवाई वर्चुअल तरीके से हुई,याची अधिवक्ता से संपर्क नहीं हो सका।शिकायत कर्ता के वकील रंगीन शर्ट पहनकर बहस करने आए।अर्जी की सुनवाई 28जुलाई के लिए टाल दी गई है। कोर्ट ने कहा पिछले डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण के चलते दिक्कत बढी है।लोगों को मास्क पहनना,दूरी बनाए रखना, वैक्सीन लगवाना और अलग तरीके से जीवन शैली अपनानी पड़ रही है।
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