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आरएलडी- बीजेपी के लिए सम्मान की लड़ाई बनी बागपत सीट

बागपत/शामलीजिला पंचायत अध्यक्ष के पद के चुनाव में फतह के लिए बागपत जंग का मैदान बनता जा रहा है। दलबदल, फर्जी पर्चा वापसी के बाद शह मात का खेल खेले जाने पर आरएलडी और बीजेपी ने इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। यहां तीन जुलाई को बीजेपी और आरएलडी में सीधा मुकाबला होगा। बीजेपी प्रत्याशी बबली और आरएलडी प्रत्याशी ममता में से कौन जिला पंचायत की अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगी, इस पर सभी की नजर है। बागपत की सियासत फिलहाल गरमाई हुई है।जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर नामांकन से लेकर नामांकन वापसी तक आरएलडी- बीजेपी के प्रत्याशियों और समर्थकों के बीच घमासान चल रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित है। बीजेपी की कोई एससी महिला नहीं जीती थी। बीजेपी ने समाजवादी पार्टी की सदस्य बबली को पार्टी में शामिल कर अध्यक्ष का कैंडिडेट घोषित किया था। आरएलडी ने ममता को कैंडिडेट बनाया था लेकिन नामांकन वाले दिन आरएलडी की ममता ने बागपत के सांसद के सामने बीजेपी जॉइन कर ली थी। आरएलडी ने पलटवार करते हुए ममता को फिर अपने साथ लाकर अध्यक्ष का पर्चा भरवा दिया। इसके बाद मंगलवार को वापसी के दिन किसी फर्जी ममता ने आरएलडी कैंडिडेट ममता का नामांकन वापस ले लिया।

हालांकि आरएलडी ने लड़ाई लड़कर पर्चा वैध घोषित करा दिया था। अब तीन जुलाई को वोटिंग होगी और उसी दिन काउंटिंग होगी। बागपत में जिला पंचायत के बीस सदस्य हैं।नामांकन और नाम वापसी के दिन ड्रामा होने से सतर्क आरएलडी को शक है कि वोटिंग के दिन भी गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए आरएलडी ने दूसरे जिलों के पार्टी नेताओं और वर्करों से ज्यादा से ज्यादा तादाद में तीन जुलाई को बागपत पहुंचने का आह्वान किया है। मेरठ आरएलडी के जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ ने पार्टी हाई कमान के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि 3 जुलाई को मेरठ से बड़ी तादाद में वर्कर बागपत पहुंचे, ताकि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सके। हालांकि खुफिया विभाग इसकी भनक लगते ही सक्रिय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक उसने तीन जुलाई को टकराव की आशंका जताई हैं।इलेक्शन सर्टिफिकेट लाना जरूरीजिला पंचायत अध्यक्ष पद के मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं के लिए मतदाता पहचान पत्र के 15 विकल्प जारी किए हैं। इसके साथ जिला पंचायत सदस्यों को मतदान के लिए अपने साथ निर्वाचन का मूल प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा। मतदान और मतगणना परिसर में मोबाइल प्रतिबंधित रहेगा।

सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा।शामली: हार जीत का फैसला निर्दलीय सदस्यों के हाथ में!शामली में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी की मधु गुर्जर और गठबंधन प्रत्याशी अंजलि देवी के बीच कांटे का मुकाबला है। केवल इन्हीं दो ही प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। संख्या के आधार पर देखें तो हार जीत का फैसला निर्दलीय और एसडीएफआई सदस्यों के हाथ में है। एसडीएफआई के 2-2 सदस्यों को विजय मिली है। पांच निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतें हैं। निर्दलीय और एसडीएफआई के सदस्य किसके साथ हैं इसका फैसला 3 जुलाई को होगा। 19 सदस्यों वाली जिला पंचायत में अध्यक्ष पद पर जीत उसी प्रत्याशी की होगी जिसके पास कम से कम 10 सदस्यों के समर्थन होगा। शामली जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित है। बीजेपी के समर्थन से महज चार सदस्य जीतकर आए हैं। वहीं, आरएलडी के 5 और एसपी 2 सदस्यों के साथ विपक्ष का पलड़ा बीजेपी की तुलना में भारी नजर आ रहा है। बाद मे एक निर्दलीय बबली ने आरएलडी का दामन थाम लिया।जिला निर्वाचन अधिकारी और डीएम जसजीत कौर ने बताया कि तीन जुलाई को शामली कलेक्ट्रेट में जिला पंचायत सदस्यों की ओर से मतदान किया जाएगा, जो जिला पंचायत अध्यक्ष चुनेंगे।

3 जुलाई को ही जिला पंचायत अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।सोनभद्र : जिला पंचायत सदस्‍य के अपहरण का मुकदमा दर्जसोनभद्र जिले के बभनी ब्‍लॉक के जरहां वार्ड से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य रामविचार गोंड की गुमशुदगी मामले में पुलिस ने गुरुवार को अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुत्र की तहरीर पर एक नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस तलाश में जुटी है। बीजेपी समर्थित प्रत्‍याशी के रूप में निर्वाचित रामविचार गोंड बीते 25 जून को एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए सिंगरौली जाने की बात कह घर से निकलने के बाद से लापता हैं। बीजपुर थाना प्रभारी देवतानंद सिंह ने बताया कि जिला पंचायत सदस्‍य की तलाश में टीमें लगाई गई हैं।उन्नाव: मालती ने सपा छोड़ी, चुनाव से किया किनाराउन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दो दिन पहले फिर घटनाक्रम तेजी से बदला है। समाजवादी पार्टी से मुक्त की गईं मालती रावत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लिखित बयान जारी कर कहा है कि वह जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से खुद को अलग कर रही हैं। जिला पंचायत सदस्य होने के नाते लोगों की सेवा का काम जारी रहेगा।बीती 29 जून को मालती रावत के बीजेपी दफ्तर में जाने के बाद सियासत तेज हो गई थी। बुधवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने बयान जारी कर चुनाव का बहिष्कार किया और मालती रावत की प्रत्याशिता वापस लेने का ऐलान किया था।