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टिकैत बंधुओं के गढ़ मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी का जलवा, मुस्लिम सदस्यों ने दिया पूरा साथ

हाइलाइट्स:दस मुस्लिम सदस्यों ने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर पलड़ा पलटा43 जिला पंचायत सीटों में 13 सीट जीतने वाली बीजेपी के पक्ष में 30 सदस्यों ने मतदान कियाविपक्ष ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई सतेन्द्र बालियान को प्रत्याशी घोषित कर खेला था दांवमिर्जा गुलजार बेग, मुजफ्फरनगरपिछले एक साल से देश भर में किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे टिकैट बंधुओं (राकेश और नरेश टिकैट) के गढ़ मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी ने अपना जलवा दिखाया है। जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद के चुनाव में मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य बीजेपी (BJP) के लिए बैसाखी बन गए। दस मुस्लिम सदस्यों ने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर पलड़ा इतना भारी कर दिया कि विपक्ष के पैर उखड़ गए और उन्‍होंने मतदान स्थल ही छोड़ दिया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्‍या किसान आंदोलन कमजोर पड़ गया है? मुस्लिम वोट बैंक को बीजेपी का धुरविरोधी माना जाता है।

मुस्लिम मतदाता वहां वोट करता है, जहां पर बीजेपी प्रत्याशी को हराया जा सके। मुजफ्फरनगर में इसका बिल्कुल उलट हो गया, जहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों का वोट ही बीजेपी प्रत्याशी के लिए संजीवनी बन गया। 43 जिला पंचायत सीटों में 13 सीट जीतने वाली बीजेपी के पक्ष में 30 सदस्यों ने मतदान किया, जिनमें से 10 सदस्य मुस्लिम हैं।इन मुस्लिम प्रत्याशियों ने किया बीजेपी के पक्ष में मतदानबीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी वीरपाल निर्वान के पक्ष में हुसनो, शौकीन, रिहान अली, सबा, फरहाना, शाहनवाज, सादिका, जरीन, जूली जाटव और सुरेशना ने मतदान किया। बता दें कि जूली जाटव और सुरेशना वैसे तो हिंदू हैं, लेकिन दोनों ने शादी मुस्लिम युवकों से की हुई है और उनका वोट भी विपक्ष का कट्टर वोट माना जा रहा था। धर्म संकट में फंसे थे केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियानमुजफ्फरनगर के जिला पंचायत चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान उस समय धर्म संकट में फंस गए थे, जब विपक्ष ने उनके भाई सतेन्द्र बालियान को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया था।

संजीव बालियान के सामने इस समय कड़ी चुनौती थी कि वह अपने भाई का साथ निभाए या फिर उस पार्टी का जिसके बल पर वह आज केंद्रीय राज्य मंत्री बने हुए हैं। बीजेपी में संजीव बालियान को लेकर अंदरखाने विरोध के स्वर उठने लगे थे। विरोधी स्वरों पर उस समय विराम लग गया जब संजीव बालियान ने विपक्ष के ऐसे वोट भी बीजेपी के खेमे में लाकर डाल दिए, जिनके बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा जा सकता था।UP के पुलिसवाले की दबंगई, दरोगा से मांगे पानी के पैसे तो कर दी पिटाईविपक्ष देखता रहाविपक्ष ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई सतेन्द्र बालियान को प्रत्याशी घोषित कर दांव तो खेला, लेकिन वह बीजेपी की गुगली के सामने क्लीन बोल्ड हो गए। बीजेपी ने विपक्ष के प्रत्याशियों को अपने पक्ष में लामबंद कर उसकी कमर तोड़ दी। बीजेपी ने वार्ड 43 की जिला पंचायत सदस्य जरीन के जाति प्रमाणपत्र पर सवाल उठाए तो विपक्ष उसके समर्थन में खडा हुआ, लेकिन बीजेपी की रणनीति के चलते जरीन बानो ने अपना प्रमाण पत्र संजीव बालियान को सौंप दिया और यहां भी विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी।अमित मालवीय ने ट्वीट कर कसा तंजअमित मालवीय ने एक ट्वीट कर विपक्ष पर तंज कसते हुआ कहा कि राकेश टिकैत के गृह जनपद मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी का जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया। आंदोलनजीवियों को अब घर चले जाना चाहिए।UP Zila Panchayat Chunav: टिकैत बंधुओं के गढ़ मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी का जलवा, मुस्लिम सदस्यों ने दिया पूरा साथ