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अयोध्या जिला पंचायत में पहली बार खिला ‘कमल’, अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा

हाइलाइट्स:बीजेपी ने पंचायत सदस्यों की केवल 8 सीटें जीती थी 18 जिला पंचायत सदस्य थे एसपी के अपनों को ही नहीं संभाल पाई समाजवादी पार्टीमयंक श्रीवास्तव अयोध्याधार्मिक नगरी अयोध्या में बीजेपी (BJP) ने पहली बार जिला पंचायत पर कब्जा किया है। पंचायत सदस्यों की केवल 8 सीट जीतने वाली बीजेपी ने 18 सदस्यों वाली एसपी (SP) को जिला पंचायत अध्यक्ष (Zila Panchayat Adhyaksh) के चुनाव में मात दे दी। बीजेपी एमएलए से लेकर जिला और महानगर अध्यक्ष की पूरी टीम बीएसपी, निर्दलीय और एसपी के जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में लाने में जुटी रही। साथ ही इन्द्र मां सिंह जैसे पुराने और कर्मठ बीजेपी नेता को टिकट न देकर ट्रांसपोर्टर की पत्नी रोली सिंह को जिला पंचायत का उम्मीदवार बना दिया। इससे पार्टी ने क्षेत्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों की सहमति भी हासिल कर ली।

चुनाव से एक दिन पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी रणनीति की जानकारी हासिल की थी। उन्होंने कहा भी था कि अयोध्या सहित प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर बीजेपी जीत रही है। विपक्ष का आरोपवहीं, एसपी नेता अवधेश प्रसाद और तेज नारायण पांडेय ‘पवन’ ने चुनाव के तीन दिन पहले ही आरोप लगाया था कि पूरा प्रशासन उनके वोटरों को डरा धमकाकर और फर्जी केस में जेल भेजने की धमकी देकर सत्ता पक्ष की मदद करने में जुट गया है। दोनों नेताओं ने इसे रोकने की मांग भी की थी। इस बीच एसपी के वोटरों के साथ निर्दलीय पंचायत सदस्यों को हर तरह से बीजेपी के पक्ष में लाने की कोशिश अंत तक जारी रही, जिसमें बीजेपी सफल भी हुई।Agra News: आरिफ ने आदित्य बनकर लूटी अस्मत, धमकाकर करता रहा शारीरिक शोषणएसपी के ही वोटर टूट कर बीजेपी के पाले में आ गए और रोली सिंह चुनाव जीत गईं। उधर, एसपी उम्मीदवार इंदु सेन यादव के ससुर स्व. मित्रसेन यादव कभी जिले के बैकवर्ड के कद्दावर नेता कहे जाते थे। उनके निधन के बाद से परिवार की राजनीतिक पकड़ कमजोर होती गई। उनके जेठ अरविंद सेन आईपीएस अधिकारी होते हुए करप्शन के मामले में जेल में कैद है। उनके पति आनन्द सेन यादव को भी अपराधिक मामले में जेल जा चुके हैं। ऐसे में एसपी में भी इंदु सेन को वह मजबूती नहीं मिल सकी, जो कभी मित्रसेन यादव के रहते मिलती थी। ऐसे में उन्हीं के खेमे के पंचायत सदस्यों को बीजेपी अपने पाले में करने में सफल हो गई।