प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 47 के तहत चित्रकला विषय में एक महिला अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में मनमाने अंक देकर टॉप करा दिया गया। मामला न्यायालय तक गया और जब उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने इसकी जांच की तो परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने अपनी गलती मान ली। अब टॉप करने वाली महिला अभ्यर्थी को चयनितों की सूची से बाहर कर दिया गया है, जबकि चयनितों की ज्वाइनिंग भी हो चुकी है। एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
आयोग ने जब 25 सितंबर 2019 को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर अंतिम चयन परिणाम जारी किया था तो मेरिट में शीर्ष स्थान पूजा वर्मा को मिला था। प्रतीक्षा सूची में पहले नंबर पर चांदनी वर्मा का नाम शामिल था। चांदनी ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी थी। इस पर न्यायालय ने यूपीएचईएससी को शपथपत्र देने के लिए कहा था। शपथपत्र देने से पूर्व पूरे मामले की जांच की गई।
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