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पूर्वोत्तर रेलवे अपने कर्मचारियों को टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी परामर्श देगा

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भारतीय रेलवे के 151 अस्पतालों पर जल्द लागू होगी यह एप आधारित सुविधा
बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी चिकित्सालयों हेतु हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेषन सिस्टम (एचएमआईएस) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन खिड़की का भी फीता काटकर उद्घाटन किया। इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय एवं तीनों मंडलों के चिकित्सालयों, उप मंडलीय चिकित्सालय/गोण्डा सहित 26 स्वास्थ्य इकाइयों में भी रेल टेल द्वारा क्रियान्वित चिकित्सालय प्रबंधन सूचना प्रणाली लागू हो गई। उद्घाटन के पश्चात महाप्रबंधक ने रेलवे चिकित्सालय में निर्माणाधीन कोविड पीड्रियाट्रिक वार्ड का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार के निर्देश दिये। महाप्रबंधक ने कहा कि चिकित्सा डेटा का डिजिटलाइजेशन रेलवे स्वास्थ्य सेवा लाभार्थियों के लिये यूनिक मेडिकल आईडी (उमीद) आधारित आॅनलाइन चिकित्सा व्यवस्था है। इसके पूर्णरूप से कार्यरत होने पर संपूर्ण भारतीय रेलवे से डाॅक्टर आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं।

आपरेशन के समय भी विशेषज्ञ चिकित्सों से आपातकालीन सलाह ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के विभिन्न चिकित्सालयों में उच्चकोटि के विशेषज्ञ डाॅक्टर उपलब्ध हैं, जिनकी सेवायें इस माध्यम से ली जा सकती हैं। श्री त्रिपाठी ने कहा कि एचएमआईएस के साथ एकीकृत रेलवेज एचएमआईएस एप के माध्यम से रोगी वर्चुअल परामर्श प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे, जिससे न केवल उनकी कोविड से सुरक्षा होगी बल्कि अस्पताल आगमन भी कम होगी । उन्होंने इसकी सराहना करते हुये सभी को बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि यह सिस्टम अपनी ऊँचाइयों पर जाएगा।प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि रेलटेल ने काफी मेहनत करके इस प्रणाली को विकसित किया है। यह प्रणाली पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय, मंडलों सहित 26 स्वास्थ्य इकाइयों में एक साथ शुरू की गई है। इससे मरीज को कहीं भी उपचार कराने में आसानी होगी। कार्यकारी निदेशक/उत्तर रेलवे, रेलटेल विजय लक्ष्मी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि इस प्रणाली की शुरूआत लखनऊ मंडल से हुई थी, परन्तु बाकी जगहों पर यह सुविधा नहीं थी। अब यह संपूर्ण पूर्वोत्तर रेलवे में यह लागू हो गई है।

चिकित्सा निदेशक डॉ. कुमार उमेष ने सभी का स्वागत करते हुये कहा कि एचएमआईएस डिजिटल रूप में मरीजों का डेटा रिकार्ड रहता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की जांच, रोग, उपचार एवं दवाइयां आदि का भी विवरण रहता है। इसके माध्यम से रेलवे चिकित्सा सुविधा का दुरूपयोग नहीं हो पाता है। खास यह कि मरीज कहीं भी उपचार ले सकता है।एचएमआईएस जहाँ एक ओर रेलवे लाभार्थी की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने हेतु संपूर्ण डेटा आसानी से उपलब्ध होगा, वहीं दूसरी ओर चिकित्सक बेहतर इलाज करने में सक्षम होंगे। एचएमआईएस की स्थापना रेलटेल कारपोरेशन आॅफ इंडिया ने की है, जिसमें सभी डाॅक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को विभिन्न तरह के आॅनलाइन माड्यूल्स उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि रोगियों को हर प्रकार से सेवाएं सुनिष्चित की जा सकें।

इसी एप पर रोगी अपना पंजीकरण, डाॅक्टर का पर्चा, लैब रिपोर्ट आदि भी देख सकते हैं। इसमें यूएमआईडी अथवा पीएफ नंबर अथवा मोबाइल नंबर अथवा आधार नंबर से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इस एप की मदद से ऐसे मरीज जो अस्पताल नहीं आ सकते, उन्हें टेली कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी परामर्श दिया जा सकेगा। एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद मरीज का डेटा तैयार हो जाता है, जिससे वह कभी भी, कहीं भी उपचार करा सकता है।महाप्रबंधक/रेल टेल  दीपू श्याम ने कहा कि भारतीय रेलवे के 151 अस्पतालों पर इसे लागू किया जाना है। भारतीय रेलवे में अस्पताल संचालन को निर्बाध बनाने के लिये अस्पताल प्रबंधन को एक ही संरचना पर लाने के उद्देष्य यूनिक मेडिकल आईडी (यूएमआईडी) आधारित अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के कार्यान्वयन का निर्णय लिया । विभागों और प्रयोगषालाओं का डेटा, एक से अधिक अस्पताल के क्रास परामर्श का डेटा, की गई चिकित्सा आदि रोगियों को अपने मोबाइल डिवाइस पर प्राप्त होगा । एचएमआईएस के करीब 20 माड्यूल हैं।