लखनऊ की सरजमीं से राजनीति करने वाले 61 वर्षीय कौशल किशोर ने समय के साथ खुद को बदला। इसी का परिणाम रहा कि आज उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले कौशल किशोर ने 1999 में खुद की पार्टी बनाई। उसका नाम राष्ट्रवादी कम्युनिष्ट पार्टी रखा। इसका अध्यक्ष शाइस्ता अंबर को बनाया जबकि खुद महासचिव बने। दलित उत्पीडऩ समेत जनहित के मुद्दों पर प्रदर्शन करने वाले कौशल किशोर को मलिहाबाद की जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा था। वर्ष 2002 में निर्दलीय विधायक बनने के साथ ही समाजवादी पार्टी को समर्थन देने से उन्हें श्रम राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया लेकिन वह आठ माह की मंत्री रह पाए। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें मोहनलालगंज सीट से टिकट दिया और वह सांसद बन गए। वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें दोबारा टिकट दिया और वह फिर से सांसद बन गए।
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