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अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाकर नरेंद्र मोदी ने साधा एक तीर से दो निशाना,

मनीष सिंह, मिर्जापुरकेंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को दूसरी बार हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यमंत्री पद से नवाजा गया है। हालांकि अनुप्रिया के समर्थकों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा लेकिन राज्यमंत्री के पद से नवाजे जाने के बाद पार्टी और जिले में थोड़ी खुशी-थोड़ा गम का माहौल है।उम्मीद थी कि बनेंगी कैबिनेट मंत्रीअनुप्रिया पटेल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी केंद्रीय राज्यमंत्री थीं। उन्हें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग मिला था। 4 जुलाई 2016 से लेकर 24 मई 2019 तक वह इस विभाग की मंत्री थीं।

साल 2019 के आम लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर के लोगों ने अनुप्रिया को भारी मतों से जिताकर संसद भेजा था।दोबारा राज्यमंत्री पद से ही करना पड़ा संतोषउनके समर्थकों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा लेकिन 7 जुलाई 2021 को हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में दोबारा उन्हें राज्यमंत्री ही बनाया गया। हालांकि इस बार विभाग बदलकर वाणिज्य और उद्योग विभाग दे दिया गया है।तवज्जो न मिलने का लगा चुकी हैं आरोपइससे पहले अनुप्रिया पटेल की नाराजगी भी थी कि सहयोगी पार्टी होने के बाद भी उन्हें तवज्जो नहीं दी जा रही है और न ही उनके लोगों का ख्याल ही रखा जा रहा है।

पिछली बार लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और अपना दल (एस) के बीच मतभेद की बातें खुलकर मीडिया में आई भी थीं। इस बार 2020 मे भी अनुप्रिया ने मिर्जापुर के तत्कालीन डीएम सुशील पटेल पर आरोप लगाते हुए विकास कार्यों की जानकारी न देने को लेकर कई पत्र लिखे थे।मोदी ने साधा एक तीर से दो निशानासाल 2022 में होने वाले यूपी चुनाव में कुर्मी वोट साधने के लिए मोदी ने अनुप्रिया को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

इससे जहां अनुप्रिया की नाराजगी कुछ हद तक दूर होगी तो वहीं यूपी चुनाव में अनुप्रिया के बहाने कुर्मी वोट भी बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश की गई है।पटेलों में है अच्छा प्रभावराजनीतिक जानकरों का मानना है कि साल 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मोदी ने अनुप्रिया को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। क्योंकि पिछड़े मतदाताओं में यादव वोट के बाद कुर्मी वोट ही है जिसमें अनुप्रिया का अच्छा प्रभाव है। प्रदेश में कुर्मियों की 9 प्रतिशत आबादी के साथ विधानसभा की 100 सीटों पर प्रभाव है। इसका अंदाजा बीजेपी को है।अनुप्रिया पटेल