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यूपी के देवरिया में मिला कोरोना का सबसे घातक वैरिएंट डेल्टा प्लस का मरीज

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हाइलाइट्स:एक महीना 10 दिन पूर्व ही मरीज की मौत हो चुकी हैबुधवार की देर रात बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को दिल्ली के संस्थान से रिपोर्ट मिलीकोरोना से मरने वाले रफीक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं हैदेवरियादेवरिया जिले में कोरोना के सबसे घातक वैरिएंट डेल्टा प्लस का मरीज पाया गया है। हांलाकि, एक महीना 10 दिन पूर्व ही मरीज की मौत हो चुकी है, लेकिन उसकी रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है। खास बात यह है कि मरीज की न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही वह कहीं भीड़-भाड़ वाली जगह पर गया था। ऐसे में इस बीमारी की चपेट में वह कैसे आया, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। आईजीआईबी दिल्ली की रिपोर्ट में हुई पुष्टिरुद्रपुर तहसील क्षेत्र के निबही गांव निवासी 66 वर्षीय मोहम्मद रफीक की तबीयत बीते 7 मई को खराब हुई थी। शुरू में उन्होंने इधर उधर से दवा लेकर खाई। जब आराम नहीं हुआ तो 13 मई को उनका कोरोना टेस्ट हुआ। जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 17 मई को ज्यादा तबीयत खराब होने पर रफीक को गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां स्थिति बिगड़ने पर 24 मई को उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। इलाज के दौरान ही 26 मई को बीआरडी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए रफीक का नमूना इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव (आईजीआईबी ) दिल्ली भेजा था। इधर बीते 29 मई को रफीक की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में ही मौत हो गई। बुधवार की देर रात बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को दिल्ली के संस्थान से रिपोर्ट मिली तो हड़कंप मच गया। रफीक में कोरोना के सबसे घातक वैरिएंट डेल्टा प्लस का लक्षण पाया गया। मरीज की नहीं है कोई ट्रैवल हिस्ट्रीसीएमओ डॉक्टर आलोक पांडेय ने बताया कि उनके परिजनों के मुताबिक, रफीक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह न तो कहीं भीड़-भाड़ वाली जगह पर गए थे और न ही किसी कोविड पॉजिटिव मरीज के संपर्क में ही आए थे। ऐसे में इसकी चपेट में वह कैसे आए, इसकी जांच की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि यह एक खतरनाक बीमारी है। ऐसे में कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है।