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दिल्ली-मेरठ के बीच 2023 के अंत तक दौड़ेगी रैपिड रेल!

दिल्ली से मेरठ के बीच के कॉरिडोर को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया हैअब तक 800 से ज्यादा पिलर तैयार कर लिए गए हैंइस कॉरिडोर में 12 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड बनाया जाएगा कुल 121 फैंसिंग पैनल बनाए गए हैंमेरठदिल्ली से मेरठ के बीच निर्माणाधीन रैपिड रेल कॉरिडोर का केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शनिवार को निरीक्षण किया। काम की तेज रफ्तार को देखते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि 2023 के अंत तक दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल दौड़ने लगेगी।

हालांकि प्रोजेक्ट के अनुसार साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और दिल्ली से मेरठ के बीच के कॉरिडोर को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।काम को लेकर दिखे संतुष्टनिरीक्षण के दौरान दुर्गशंकर मिश्र के साथ आरआरटीएस के उच्चाधिकारी भी थे। मेरठ जनपद की सीमा में मेरठ-हापुड़ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी उनके साथ मौजूद रहे। सांसद ने बताया कि सचिव ने रैपिड रेल के काम की गति को लेकर संतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इसी रफ्तार से काम चलता रहा तो दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2023 के अंत तक रैपिड रेल दौड़ने लगेगी।

कॉरिडोर के एक तिहाई हिस्से में पिलर तैयारएनसीआरटीसी ने एलिवेटेड भाग के निर्माण कार्य के तहत अब तक 800 से ज्यादा पिलर तैयार कर लिए है। 8 किमी का वायाडक्ट भी तैयार हो चुका है। साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी वाले प्राथमिकता खंड में आरआरटीएस स्टेशन के डिजाइन और आर्किटेक्चर का कार्य फाइनल हो चुका है। सभी स्टेशनों के सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण कार्य एडवांस स्टेज पर है। इसके एलिवेटेड सेक्शन का एक तिहाई से ज्यादा हिस्से के पिलर तैयार कर लिए गए हैं। 82 किलोमीटर लंबे इस आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 70 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है, जिसमें से अब तक लगभग 24 किमी के हिस्से में पिलर तैयार कर लिए गए हैं ।

कॉरिडोर का 12 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड होगाइस कॉरिडोर में 12 किमी का हिस्सा अंडरग्राउंड बनाया जाएगा, जिसका लगभग 4 किमी का हिस्सा दिल्ली में और 8 किमी का हिस्सा मेरठ और गाजियाबाद में होगा। दिल्ली के अंडरग्राउंड हिस्से के निर्माण के लिए आनंद विहार में टनल बोरिंग मशीन से टनल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।मेरठ में चल रहा है भूमिगत स्टेशन का काममेरठ में भी भैंसाली अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण के काम शुरू हो चुका है।

स्टेशन के लिए डी वाल का निर्माण चल रहा है। इसके लिए कुल 121 फैंसिंग पैनल बनाए गए हैं। आरआरटीएस ट्रेनों के निर्माण का काम भी अलस्टोम (बोम्बार्डिएर) की गुजरात में सावली की फैक्ट्री में मेक इन इंडिया की तहत किया जा रहा है। ये ट्रेन अपने किस्म की पहली ट्रेन होगी, जो 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी। दुहाई डिपो में ट्रेनों के परिचालन और रख-रखाव के लिए स्टेबलिंग, इंस्पेक्शन लाइन और कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है।