मुकेश पटेल, कुशीनगरसरकार के भ्रष्टाचार मिटाने की लाख कोशिशों के बावजूद जिम्मेदार पानी फेरने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण कुशीनगर जिले के तमकुहीराज विकासखंड के बभनौली गांव में देखने को मिला। मजदूरों को राहत देने के लिए मनरेगा योजना को सरकार ने शुरू किया, लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार का दीमक लग गया। यहां जेल में बंद कैदी के नाम का मास्टररोल भरकर पैसा निकाने की बात सामने आई है।
मिली जानकारी के अनुसार, विकासखंड तमकुहीराज के ग्राम पंचायत बभनौली के तत्कालीन प्रधान सुरसती देवी और तत्कालीन सचिव सुनील कुमार सिंह और ग्राम रोजगार रविन्द्र नाथ मिश्रा ने मिलकर जिला जेल देवरिया में बंद कैदी के नाम पर मनरेगा अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों के मास्टररोल में फर्जी हाजिरी भरकर सरकारी धन का गबन कर लिया गया है।एक व्यक्ति के द्वारा मांगी गई जनसूचना अधिकार में हुआ खुलासामामले में बभनौली गांव के ही रहने वाले प्रदीप कुमार सिंह ने जन सूचना अधिकार नियम 2005 के तहत खंड विकास अधिकारी तमकुहीराज से सूचना मांगी थी।
बताया गया कि प्रद्युम्न की मजदूरी 5 मई 2020 से 9 मई 2020 तक निकाली गई। वहीं, इसका खुलासा जेल अधीक्षक देवरिया ने करते हुए बताया कि जिस तारीख में मजदूरी को दिखाया गया है, उस तारीख में युवक जेल में बंद था।यूपी: लखनऊ में फिर बढ़े कोरोना संक्रमित, प्रदेश के 42 जिलों में एक भी मरीज नहीं मिलाअधिकारी ने रिकवरी की बात कहीवहीं, इस संबंध में खंड विकास अधिकारी तमकुहीराज गोपाल शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है। इसमें संलिप्त सभी सम्बंधितों से रिकवरी कर कार्रवाई की जाएगी।
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