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आखिर कब एक DSP को ACP बनाया जा सकता है, कैसे अलग हो जाती कार्य प्रणाली, समझें पूरे बड़े बदलाव

क्या आपको पता है कि SP, SSP, CO, SO, SHO, ACP, DCP, आदि पुलिस विभाग के ही अधिकारी होते हैं लेकिन इनकी कार्यप्रणाली और जिम्मेदारियों का दायरा कम और अधिक होता है। आखिर कब एक DSP को ACP बनाया जा सकता है या किसी शहर में एसीपी की पोस्ट कब लागू होती है और क्या इनकी कार्यप्रणाली और जिम्मेदारियों में कोई बदलाव होता है ऐसे तमाम सवालों के जवाब आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा  रहे हैं। साथ ही पुलिस विभाग के कई पदों का विस्तार से वर्णन भी किया जाएगा। इसके साथ ही इस परीक्षा की तैयारी के लिए सफलता के फ्री कोर्स से जुड़ सकते हैं।

आपको बता दें कि जिन शहरों में कमिशनरी प्रणाली लागू होती है उन सिटी में ACP की पोस्ट का सृजन किया जाता है। हालांकि इन पदों में कोई अंतर नहीं होता है लेकिन कमिशनरी प्रणाली के लागू हो जाने के बाद इनके पदनामों में बदलाव कर दिया जाता है। आपको बता दें कि यहा तक कि इनके बैज भी समान होते हैं। ACP यानी जिसका शाब्दिक अर्थ असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस होता है जबकि DSP का मतलब डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है।