Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

महीने भर में पहले जो 270 में करते थे सफर,

उत्तर मध्य रेलवे द्वारा पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन के बाद से अब तक 86 फीसदी ट्रेनों का संचालन भले ही शुरू कर दिया हो लेकिन दैनिक यात्रियों को इसका फायदा बिल्कुल भी नहीं मिल रहा है। दैनिक यात्रियों के लिए उनका हमसफर एमएसटी ( मासिक सीजन टिकट) अब गुजरा जमाना हो गया है। मजबूरन एमएसटी धारकों को हर रोज टिकट लेना पड़ रहा है। कोरोना काल के पहले ऐसे एमएसटी यात्री जो स्थानीय स्टेशनों तक 200 से 300 रुपये में पूरे महीने तक आसानी से सफर करते थे, अब उन्हें हर रोज अपने गंतव्य तक आवागमन के लिए 100 से 300 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। माह भर में यह खर्चा ढाई से पांच हजार रुपये तक पहुंच जा रहा है।

पिछले वर्ष लगे लॉक डाउन के पूर्व प्रयागराज से मेजा, सिराथू, भरवारी,  रायबरेली एवं प्रतापगढ़ जाने वाले दैनिक यात्री एक महीने में क्रमश: 185, 270, 185, 285 एवं 335 रुपये में माह भर सफर करते थे। एक जून 2020 को जब ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो उसमें कोविड की वजह से जनरल क्लास में सफर के लिए रिजर्वेशन अनिवार्य कर दिया गया।इस वजह से ट्रेनों में एमएसटी पास धारकों के सफर की मनाही हो गईं। मजबूरी में यात्रियों को ट्रेनों में रिजर्वेशन करवाकर सफर करना पड़ रहा है। रिजर्वेशन न मिलने की सूरत में यात्रियों के सामने रोडवेज बस एवं अन्य प्राइवेट वाहनों का ही विकल्प रह जाता है। अब प्रयागराज से सिराथू जाने वाले दैनिक यात्रियों की ही बात करें तो जो एमएसटी धारक लॉक डाउन के पूर्व माह भर में 270 रुपये खर्च कर नियमित रूप से आवागमन कर रहे थे, उन्हें अब चौरीचौरा या अन्य दूसरी ट्रेनों से वहां जाने में एक तरफ से ही जनरल क्लास 50 और दोनों ओर से 100 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।