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पहले थी मारामारी, अब 2 महीने से एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं

गाजियाबादगाजियाबाद में कोरोना मरीज कम होने के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी भी खत्म हो गई है। स्थिति यह है कि सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में दो महीने में एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं बिका है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सेंटर में करीब 3000 और प्राइवेट में 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हैं, लेकिन इसकी जरूरत ही नहीं है।अप्रैल से मई के पहले हफ्ते के बीच कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ गई थी। इलाज के दौरान सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ गई थी। इस कारण रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी तक होने लगी थी।

अब करीब 3000 इंजेक्शन बचे हैं। इसकी कीमत 1800 रुपये तय की गई थी।छह महीने में हो जाएंगे एक्सपायरसरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध 3200 में से करीब 1500 रेमडेसिविर इंजेक्शन 6 महीने में एक्सपायर हो जाएंगे। ऐसे में इसका इस्तेमाल कहां किया जा सकता है, इस पर स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देना होगा। वहीं बाकी बचे रेमडेसिविर भी 10 महीने में एक्सपायर हो जाएंगे।3 महीने की एक्सपायरी डेट देखकर लें दवा-इंजेक्शनड्रग इंस्पेक्टर अनुरोध ने बताया कि जब भी प्रशासन या कोई भी व्यक्ति दवा या इंजेक्शन ले तो कम से कम 3 महीने की एक्सपायरी डेट देखे। इंजेक्शन को 3 महीने रह जाएंगे, तब इसके लिए सोचना होगा। अभी समय है। तीसरी लहर की आशंका के बीच संक्रमित बढ़े तो इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है।डॉक्टर बोले, दूसरी बीमारी में नहीं कर सकते इस्तेमालयशोदा अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ.ए़. पी. सिंह ने बताया कि अभी रेमडेसिविर का इस्तेमाल किसी दूसरी बीमारी के उपचार में नहीं किया जा रहा है।