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मलेरिया जाँच में 82% लक्ष्य हुआ पूरा

सुकमा 17 जुलाई। कोरोना वायरस के साथ जंग लड़ रहा स्वास्थ्य विभाग अब मलेरिया से भी नियंत्रण में जुट गया है। 15 जून से चल रहे मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में सुकमा जिले के सभी क्षेत्र जिनमें पहाड़ी ग्राम,अति संवेदनशील इलाके, शहरी और ग्रामीण बस्तियों में डेंगू लार्वा, मलेरिया रोकथाम के साथ-साथ कोरोना से बचाव की जानकारी का कार्य व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। बीते दिनों मलेरिया जांच दल द्वारा कोंटा विकासखंड के संवेदनशील क्षेत्र कन्हाइगुड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र व उसके अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्रामों में मलेरिया जांच शिविर का आयोजन किया गया। पथरीले पगडण्डी वाली राह को पार करते हुए 12 किलोमीटर की दूरी तय कर 70 ग्रामीणों की मलेरिया जांच की गई।

       जिला मलेरिया सलाहकार राजेश्वरी ने बताया, “कन्हाइगुड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र के आश्रित ग्राम उसकवाया में जांच दल ने 70 ग्रामीणों की मलेरिया की जांच की। इस दौरान किसी में भी मलेरिया के लक्षण नही मिले। जिले में मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रोग का प्रसार रोकने के लिए दवाओं के साथ-साथ मच्छरों का उन्मूलन या उनसे बचने के उपाय किये जा रहे है। इसके तहत मलेरिया विभाग की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव भी किया जा रहा है। जिले में अबतक 4,700 से अधिक घरों में दवा का छिड़काव किया जा चुका है”।

      जिला सीएमएचओ डॉ.सी.बी.पी.बंसोड़ ने बताया, “कोरोना महामारी के साथ-साथ दूसरी बीमारियों से बचाव को लेकर भी विभाग पूरी तरह से सतर्क है। इस मौसम में मलेरिया का प्रकोप ज्यादा होता है, इसलिए लोग विशेष सावधानी बरतें और लक्षण नजर आने पर जांच करवाएं। मलेरिया जांच के लिये जिले में 700 टीमें गठित की गई हैं, जो गांव व शहर के वार्डो में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। अब तक 773 जगहों पर मलेरिया के लार्वा मिले है। जिसमें दवा डालकर उसे  पूर्णतः नष्ट कर दिया गया है।”

 मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत सुकमा जिले में 4 सप्ताह में  82 प्रतिशत  मलेरिया जांच का लक्ष्य पूरा हो चुका है। इस दौरान 2.11 लाख से अधिक लोगों के रक्त की जांच की गई जिसमें मलेरिया पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों की संख्या 1,022 है। जांच के दौरान 27 लोगों में कोरोना के लक्षण भी मिले। जिनका त्वरित उपचार किया गया। 15 जून से 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान में जिले के 2.57 लाख लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है।  इसके तहत अब तक जिले के 46,507 घरों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोविड-19 से संबंधित सभी नियमों का पालन करते हुए अपनी पहुंच बनाई है

     ग्रामवासी बुधरु से मिली जानकारी के अनुसार, “यह ग्राम कुछ वर्ष पहले तक मलेरिया प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत आता था। जांच के दौरान बहुत से लोगों में मलेरिया के लक्षण मिलते थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया से बचाव की दी जा रही जानकारी और मच्छरदानी के उपयोग से इस संक्रामक रोग पर नियंत्रण पा लिया गया है।”

निम्न उपाय से मच्छरों पर रखें नियंत्रण

मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करके मलेरिया पर नियंत्रण पाया जा सकता है। बेकार जमे हुए पानी में मच्छर अपना प्रजनन करते हैं। अपने घरों के आसपास कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें। इसके साथ ही मच्छरदानी मच्छरों को लोगों से दूर रखने में बहुत उपयोगी है। यह मलेरिया संक्रमण को काफी हद तक रोकती हैं।