विगत तीन वर्षों की भांति इस वर्ष 2021 में भी संचारी रोगों की रोकथाम हेतु प्रभावी उपाय अपनाते हुए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में जे0ई0, ए0ई0 और दिमागी बुखार की संवेदनशीलता को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा सूकर पालन की हतोत्साहित किया जा रहा है। सूकर पालकों को अन्य व्यवसायों जैसे-बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
पशुपालन विभाग के प्रयासों से सूकर पालन में बड़ी गिरावट आयी है। विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रदेश में सूकरों की संख्या वर्ष 2012 में पशुगणना के आधार पर 13.34 लाख थी, जो कि विभाग के निरन्तर प्रयासों से घटकर वर्ष 2019 की पशुगणना के आधार पर 4.08 लाख ही रह गयी है। यह संख्या वर्ष 2012 के मुकाबले एक तिहाई रह गयी है।01 जुलाई 2021 से प्रदेशव्यापी संचारी रोग नियंत्रण अभियान में प्रदेश के समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से सभी जनपदों के सूकर पालकों को जे0ई0 रोग की जानकारी, बचाव एवं सूकर बाड़ों की साफ-सफाई आदि की जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं।
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