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अकाली दल, बसपा का कहना है कि वे कृषि कानूनों का विरोध करना जारी रखेंगे

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी और तीन कृषि संबंधी कानूनों को निरस्त करने की मांग करेगी।

बादल ने सोमवार को सदन के बाहर प्रदर्शन के बाद कहा, हम चाहते हैं कि इस मामले पर संसद में चर्चा हो और केंद्र सरकार इसे स्वीकार करे। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और इसके राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा सहित बसपा सांसद भी विरोध प्रदर्शन में शामिल थे।

बादल ने देश के कृषक समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए पार्टी द्वारा अन्य के साथ मिलकर स्थगन प्रस्ताव को ठुकराने के लिए एनडीए सरकार की निंदा की।

सदन के बाहर, बादल ने सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर एकजुट होने का आग्रह किया कि उन्होंने जो कहा वह ‘काले कानून’ हैं। किसान आठ महीने से अधिक समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। “हमने विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव भी रखा था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद में किसानों को श्रद्धांजलि नहीं दी गई।’

उन्होंने कहा कि राजग सरकार को चुनी हुई सरकार के अनुरूप जिम्मेदारी से काम करते हुए किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। केंद्र सरकार ने किसानों की बात सुनने के बजाय शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की कोशिश की।

उन्होंने सरकार की शैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “अभी भी किसानों से बात करने और उनकी शिकायतों को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इस तरह का रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।”

बादल ने कहा कि किसानों, खेत मजदूरों और व्यापारियों की घोर अवहेलना करते हुए संसद के माध्यम से तीन कानूनों को आगे बढ़ाया गया।