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बाराबंकी एसपी ऑफिस में तैनात दारोगा और सिपाही पर भ्रष्टाचार का आरोप, घूस देकर मिलती थी पोस्टिंग!

उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात पुलिस कर्मियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और समाजसेवी नूतन ठाकुर ने शनिवार को प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर जांच कार्यवाही की मांग की है। पत्र में एसपी कार्यालय में तैनात दरोगा और सिपाही पर थानों में तैनाती के लिए 50 से अधिक पुलिस कर्मियों से रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया है।

दस हज़ार से बीस हज़ार में थानों पर पोस्टिंग
प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में अमिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर ने बताया कि बाराबंकी एसपी बाराबंकी कार्यालय में नियुक्त दरोगा संतोष कुमार सिंह तथा प्रदीप कुमार व विनीत यादव द्वारा थाना जैदपुर, कोतवाली नगर, देवां, सतरिख के लिए 10 हजार, सफदरगंज के लिए 8 हजार, मोहम्मदपुर खाला तथा टिकैतनगर के लिए सात हजार तथा फतेहपुर के लिए पांच हजार रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि रीपोस्टिंग के लिए 20 हजार रुपये ले रहे हैं। इसी प्रकार सीईआर से नाम हटाने के लिए एक हजार लिए जा रहे हैं। पत्र में पुलिस कर्मियों के शिकायत करने पर ग़ैर जिले व दुर स्थानों में तैनाती कर और सस्पेंड करने की धमकी की शिकायत लिखी गई है। एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि जिले में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की रीपोस्टिंग इसी भ्रष्टाचार के कारण हुई है हम इसकी जांच चाहते हैं। जिसकी मैंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से शिकायत की है।

आरोप लगाने वाले पुलिसकर्मी नहीं आए सामने
थानों में पोस्टिंग और रीपोस्टिंग कि तैनाती में भ्रष्टाचार को लेकर आरोप लगाने वाले पुलिस कर्मी सामने नही आएं है। कैमरा बन्द कर ऑफ द रिकार्ड पुलिस कर्मियों का दावा है कि बिना घूस दिए पुलिस कर्मियों को तैनाती नही मिलती है।

एसपी ने उपनिरीक्षकों के किये तबादले
एसपी यमुना प्रसाद ने बेहतर कानून व्यवस्था को लेकर 23 जुलाई को पुलिस ऑफिस, लाईन व थानों में तैनात 29 उप निरीक्षकों के तबादले कर इधर से उधर भेजा है। जिसमें एसपी कार्यालय में तैनात रहे दारोगा सन्तोष कुमार सिंह की तैनाती वरिष्ठ उपनिरीक्षक देवां कोतवाली में की गई है। हालांकि शिकायत के मामले में एसपी बाराबंकी के व्यस्तता कारण बात नही हो सकी है।