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हड़ताल: पूर्वांचल के जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट, एंबुलेंस खड़ी कर मांगें पूरी न होने पर कर्मचारी कर रहे प्रदर्शन

पूर्वांचल के जौनपुर, मऊ और मिर्जापुर जिले में कर्मचारियों एंबुलेंस को लाइन में खड़ी करके धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट खड़ा हो गया है। रविवार की रात 12 बजे से 102, 108 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस सेवा बंद करने एलान कर दिया। वह अपनी मांगें पूरी न होने पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

मऊ जिले के एंबुलेंस कर्मचारी संघ के नेतृत्व में 23 जुलाई से कलेक्ट्रेट परिसर में विभिन्न मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी सांकेतिक धरनारत थे। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप राय ने बताया कि एएलएस एंबुलेंस की कंपनी बदलने पर पुराने कर्मचारियों को न बदला जाए, एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्ति देने, कोरोना संक्रमण में दिवंगत एंबुलेंस कर्मचारियों के आश्रितों के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने, नेशनल हेल्थ मिशन के तहत महंगाई भत्ता, चार घंटे का ओवरटाइम और प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर कर्मचारियों से डिमांड ड्राफ्ट न लेने की मांग को लेकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि तीन दिनों के भीतर सांकेतिक विरोध जताकर अपनी मांगों को लेकर शासन को चेताया था, लेकिन संघ की मांगों पर कोई विचार न करने पर मजबूरन रविवार की रात 12 बजे से 102, 108 और एएलएस एंबुलेंस सेवा बंद करने का निर्णय लिया। जिले में संचालित 53 एंबुलेंस में 50 एंबुलेंस को बापू इंटर कॉलेज के मैदान में खड़ी कर दीं।

उन्होंने कहा कि कि मरीजों को दिक्कत न हो उसके लिए मझवारा, चिरैयाकोट और महिला जिला अस्पताल में तीन एंबुलेंस तैनात रहेंगी। इसके पायलट, ईएमटी ड्यूटी करेंगे। इससे पहले एंबुलेंसकर्मियों ने सोमवार की सुबह जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इस दौरान अनिल दुबे, सुनिल कुमार, मोहन कुमार, राधेमोहन आदि एंबुलेंसकर्मी मौजूद रहे।

मिर्जापुर में भी हड़ताल
जीवनदायनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने समायोजन की मांग पूरी न होने पर रविवार की रात से एंबुलेंस खड़ी कर हड़ताल शुरू कर दी। रात 12 बजे से चंदइपुर के मैदान में एंबुलेंस खड़ी हो रही हैं। सुबह आठ बजे तक लगभग 30 से 35 एंबुलेंस खड़ी हो गई थीं। एंबुलेंस की हड़ताल से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में 102 की 31, 108 की 31 व एएलएस की कुल तीन गाड़िया हैं। अभी अन्य वाहन चल रहे हैं। धीरे-धीरे एंबुलेंस खड़ी हो रही हैं। सभी गाड़ियों के खड़ा होने पर समस्या बढ़ सकती है।

संगठन के जिलाध्यक्ष बृजेश यादव ने कहा कि एएलएस एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर कर्मचारियों को ना बदला जाए, अनुभवी कर्मचारियों को ही रखा जाए। कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कोरोना योद्धाओं, कोरोना वारियर्स एंबुलेंस कर्मचारियां को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए। कोरोना काल में शहीद हुए आश्रितों के परिवार को जल्द बीमा राशि 50 लाख दी जाए। कंपनी बदलने पर वेतन में किसी भी तरह की कटौती न की जाए।

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