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3 साल पहले 25 करोड़ की लागत से शुरू हुआ नमामि गंगे का कार्य… अभी तक नहीं हुआ पूरा

यूपी के मिर्जापुर में नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा की ओर से शुरू किए गए नमामि गंगा प्रोजेक्ट का कार्य तीन साल पूरा होने के बाद भी अभी अधूरा है। हालांकि, कुछ घाटों के सुंदरीकरण के नाम पर रंग-रोगन और रेलिंग का कार्य जरूर किया गया है, लेकिन वह भी अब टूटने लगा है।

3 साल पहले शुरू हुआ कार्य अभी भी अधूरा
जानकारी के मुताबिक, 2018 में करीब 25 करोड़ की लागत से योजना का कार्य शुरू किया गया था। जिसके तहत गंगा किनारे पड़ने वाले सात घाट और श्मशान गृह का सुंदरीकरण होना था। इसका काम इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को दिया गया था। कार्यदायी संस्था ने घाटों की मरम्मत और सुंदरीकरण के नाम मात्र रंग-रोगन और रेलिंग लगवाने का कार्य किया है, जो कार्य कराया जा चुका है, वह भी अब टूटने लगा है।
सुंदरीकरण के नाम पर हुई महज खानापूर्ति
इसी योजना के तहत नगर के गंगा के किनारे नारघाट, पक्का घाट, राम घाट, ओलियर घाट, कचहरी और गऊघाट के साथ तीन शवदाह गृहों का भी सुंदरीकरण होना था, लेकिन घाटों पर कुछ कार्य कराया गया है। वहीं, श्मशान घाट पर अभी भी कार्य शुरू नहीं हो सका है। यहीं नहीं गंगा घाट पर जो प्रकाश के लिए सोलर लाइट लगाई गई थी, वह भी ज्यदातर खराब हो चुकी हैं। घाटों पर लगाए गए कूड़ेदान भी टूट चुके हैं।
6 एजेंसियां 9 परियोजनाओं पर कार्य कर रहीं
एडीएम नमामि गंगे अमरेंद्र वर्मा ने बताया कि जिले में नमामि गंगे के तहत 9 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। जिसका काम 6 एजेंसियों की ओर से किया जा रहा है। जिसमें जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल योजना प्रमुख है।

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25 से 45 प्रतिशत हुआ काम
एडीएम ने कहा कि विभिन्न योजनाओं में एवरेज के तौर पर 25 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो चुका है। एडीएम ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुसार कार्य किया जा रहा है। वहीं, नमामि गंगे के तहत घाटों और शवदाहगृह का कार्य कार्यदायी संस्था इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड कर रही है। वह योजना के बारे में बेहतर जानकारी दे पाएंगे।