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कोरोना संक्रमित कारोबारी का शव बदला, अपेक्स और दर्पिन अस्पताल पर FIR

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आरबी लाल, बरेली
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों के इलाज में अस्पतालों ने जमकर मनमानी और लापरवाही की। अस्पतालों ने न सिर्फ तीमारदारों से मनमाना पैसा वसूला, बल्कि मरीजों का इलाज ढंग से नहीं किया। अब जब ऐसे मामलों में मरीजों के तीमारदार कार्रवाई के कराने के लिए आगे आ रहे हैं तो अस्पतालों पर शिकंजा कसा जाने लगा है। ऐसे ही मामलों में बरेली शहर के दो अस्पतालों- अपेक्स और दर्पिन के खिलाफ एक संक्रमित कारोबारी की मौत पर कोरोना महामारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

दर्पिन अस्पताल के प्रबंधन पर संक्रमित कारोबारी के इलाज में लापरवाही बरतने और उनके परिजनों से अभद्रता का आरोप है। इसी मरीज को बाद में जब अपेक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया तो वहां उनकी मौत के बाद शव बदलने और परिवार वालों से मारपीट का आरोप है। बुधवार को एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

शव बदलकर भेजा दिया था श्मशान घाट
अपेक्स अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित कारोबारी हरीश कुमार गुप्ता की 22 अप्रैल को मौत हो गई थी। उनके परिजन ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने उनको मौत की सूचना नहीं दी। शव को श्मशान घाट भेज दिया, फिर बताया कि शव हरीश कुमार का है। इस पर उनके परिवार वाले भागकर श्मशान घाट पहुंचे, जहां शव को लावारिस मानकर चिता पर रख दिया गया था। उन्होंने मरने वाले का चेहरा देखा तो वह शव किसी दूसरे का था। इस पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से बात की, सही बात बताने के बजाय उनसे अभद्रता की गई।

परिजनों का आरोप दर्पिन अस्पताल पर भी है, जहां कारोबारी हरीश गुप्ता को अपेक्स अस्पताल से पहले भर्ती कराया गया था। आरोप है कि दर्पिन अस्पताल के प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही की और परिजनों ने इसकी शिकायत की तो उनके साथ अभद्रता की गई। यही नहीं मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।

जांच में सामने आई अस्पतालों की लापरवाही
मृतक हरीश कुमार के परिजनों ने अपेक्स और दर्पिन अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही और रवैये की शिकायत जिला प्रशासन से की थी। बिथरीचैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल ने कमिश्नर से मामले की जांच कराने को कहा।

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कमिश्नर ने एसडीएम सदर विशु राजा को मामले की जांच सौंपी। एसडीएम ने जांच की और आरोपों की पुष्टि की। जांच में पाया गया कि अस्पतालों में मरीज के इलाज में लापरवाही हुई और निर्धारित से ज्यादा पैसा वसूला गया। एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर आर रमेश कुमार ने डीएम नितीश कुमार को दोनों अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए। इस पर पीड़ित परिवार की ओर से प्रशासन के निर्देश पर बरेली शहर के इज्जतनगर थाने में बुधवार को दोनों अस्पतालों के प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कराई गई।