Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के घर की बिजली गुल, पंखे गायब…

अपनी लेखनी से सबके दिलों पर छाप छोड़ने वाले हिंदी के महान साहित्यकार और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद का पैतृक आवास अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। 2005 में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।

31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद की जयंती है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता ऐसी की उनका आवास जयंती पर अंधेरे में ही रहेगा। पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना के बारे में बोलते हुए मुंशी प्रेमचंद की एक कहानी ‘ईदगाह’ का जिक्र किया था। उस कहानी के एक छोटे बच्चे के किरदार हामिद का जिक्र किया था, जिसने अपनी मां के लिए मेले से एक चिमटा खरीदा था। ताकि उसकी मां का हाथ रोटी बनाते वक्त जख्मी न हो जाए।
उसी छोटे बच्चे के किरदार से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने ‘साफ नीयत-सही विकास का मंत्र भी दिया था, लेकिन अफसोस की उनके ही संसदीय क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी इस मंत्र के खिलाफ कैसा उदासीन रवैया रखते हैं, ये लमही में साफ तौर पर देखा जा रहा है।