वाराणसी में गंगा पार रेती में लाखों रुपये की लागत से बनी नहर गंगा के पानी में समा रही है। शुक्रवार को नहर का अधिकांश हिस्सा धीरे-धीरे समाहित हो गया। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी रहा तो 1195 लाख रुपये की लागत वाली नहर पूरी तरह समाहित हो जाएगी। काशी के नदी विज्ञानियों ने नहर निर्माण से पहले ही ऐसी आशंका जताई थी।
गंगा पार विशाल रेत के मैदान के बीचों-बीच करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबी रेत की नहर बनाई गई थी। इसका निर्माण प्रोजेक्ट कारपोरेशन की देखरेख में कराया गया था। परियोजना के प्रबंधक पंकज वर्मा के मुताबिक 1195 लाख लागत से करीब 5.3 किमी लंबी और 45 मीटर चौड़ी नहर बनाई गई है। गंगा पार रेती पर बालू की नहर के पूर्वी छोर पर रेत के ढूहे खड़े किए गए। रामनगर स्थित पुल के पास से बालू में निकाली गई नहर का आखिरी सिरा राजघाट पुल के करीब गंगा में मिलाया गया है। अगली स्लाइड्स में भी देखें…।
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