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शराब भट्टियों को खत्म कर पर्यटन स्थल में बदली दरियावगंज झील….

जिला कासगंज स्थित दरियावगंज झील से अवैध और कच्ची शराब की भट्टियों को पूरी तरह खत्म कर अब उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर दिया गया है। दरअसल सेटेलाइट से म‍िली तस्‍वीरों के जर‍िए कासगंज में 4 प्रमुख पौराणिक झीलों की पहचान की गई थी। झीलों के सीमांकन में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इनके चारों ओर घनी झाड़ियों का घेरा था। झाड़ियों का फायदा उठाकर यहां अवैध कच्ची शराब की 300 से अधिक भट्टियां चलाई जा रहीं थीं। शासन के निर्देश पर कासगंज प्रशासन ने आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस के सहयोग से किये गए संयुक्त अभियानों में इस झील के किनारे और आसपास से भट्टियों को खत्‍म कर द‍िया है। इसके साथ ही इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में कामयाबी हासिल की है।

कासगंज जिले के आबकारी अधिकारी श्याम कमल सिंह ने बताया कि दरियावगंज झील का इलाका अवैध कच्ची शराब और इस कारोबार से जुड़े अपराधियों का एक बड़ा अड्डा था। जहां कुछ समय पूर्व तक 300 से अधिक शराब की भट्टियां संचालित हो रहीं थीं। डीएम कासगंज के संकल्प और उनके नीति निर्देशन के चलते आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने मिलकर इस झील के किनारे और आसपास संचालित सभी शराब भट्टियों के ध्वस्तीकरण के साथ उन्हें पूरी तरह से खत्‍म करने के लिए व्यापक रूप से अभियान चलाया।

पुल‍िस-प्रशासन की कार्रवाई से बदली तस्‍वीर
शराब भट्टियों को खत्म करने के लिए मौके पर जाकर दर्जनों बार कार्रवाई की गई और इस कारोबार से जुड़े अपराधियों पर 27 मुकदमे दर्ज किए गए। वहीं 20 से अधिक अपराधियों को पकड़कर जेल भेजा गया। मौके से 758 लीटर अवैध और कच्ची शराब को जब्त किया गया। इसके अलावा तकरीबन 50 हजार लीटर से अधिक लहन भी नष्ट किया गया। कासगंज डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और उसके विस्तार से सम्बंधित अनेकों कार्य प्रयास और बदलाव जनपद कासगंज में पिछले ही कुछ समय में किये गए हैं। इसी क्रम में कासगंज जिले में जिन झीलों अथवा आद्र भूमि को चिन्हित किया गया, उनमें से एक दरियावगंज झील को विकसित करने से पूर्व वहां से शराब भट्टियों को ख़त्म करने के साथ साथ इस कारोबार से जुड़े अपराधियों पर व्यापक रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की गई।