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120 से ज्यादा छात्राओं को मुरादाबाद के स्कूल ने किया ऐब्सेंट तो बोर्ड एग्जाम में हुईं फेल

मुरादाबाद में डीएम कार्यालय के बाहर जमा हुईं कई छात्राएंछात्राओं का आरोप, स्कूल में जमा नहीं कर पाईं फीस तो प्री बोर्ड में किया गया ऐब्सेंटयूपी बोर्ड की 12 परीक्षा में हुई मार्किंग तो छात्राएं हुईं फेलमुरादाबाद
मुरादाबाद शहर में एक स्कूल की छात्राओं को अनुपस्थित के रूप में चिह्नित किया गया, जिसके बाद 120 से ज्यादा छात्राएं फेल हो गईं। बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली इन छात्राओं को उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा में फेल कर दिया गया है। छात्राओं का आरोप है कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वे फीस नहीं जमा कर सकीं, जिसके चलते स्कूलवालों ने उन्हें फेल कर दिया।

कोरोना के चलते इस साल दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं। यूपी बोर्ड के लिए मार्किंग सिस्टम सीबीएसई की तरह ही था। बारहवीं कक्षा के लिए, अंकों को 50:40:10 के अनुपात में विभाजित किया गया था। बोर्ड ने दसवीं कक्षा में प्राप्त 50 फीसदी, ग्यारहवीं कक्षा में 40 फीसदी और प्री-बोर्ड में मिले 10 फीसदी अंकों के आधार पर रिजल्ट तैयार किया और परिणाम 31 जुलाई को घोषित किए गए।

डीएम कार्यालय पर दिया धरना
कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्राओं और उनके अभिभावकों ने सोमवार को कॉलेज के बाहर और जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर धरना दिया। छात्रों ने यह भी मांग की कि उन्हें परीक्षा में उपस्थित के रूप में चिह्नित किया जाए ताकि उनका शैक्षणिक वर्ष नष्ट न हो।

डीएम ने दिए जांच के आदेश
उधर, मुरादाबाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। लगभग 70 छात्र, जो कथित तौर पर अपनी प्री-बोर्ड परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए थे और उन्हें अनुपस्थित के रूप में चिह्नित किया गया था, बोर्ड परीक्षा में असफल रहे हैं। हालांकि, छात्रों ने दावा किया है कि फीस का भुगतान न करने के कारण वे फेल हो गए हैं।

छात्राओं का आरोप है कि उन्हें परीक्षा में जानबूझकर अनुपस्थित किया गया है। डीएम ने कहा कि डीआईओएस अरुण दुबे के नेतृत्व में एक टीम मामले की जांच करेगी। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।