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जम्मू-कश्मीर में चहुमुखी विकास से पीएम मोदी ने पाकिस्तान के अस्थिरता फैलाने वाले षड्यंत्र पर पानी फेरा है

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05 aug 2021

पहले केंद्र की किसी भी योजना के लिए जम्मू-कश्मीर की जनता तरस जाती थी। क्योंकि केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य सरकार के हाथ में होती थी। भारतीय संविधान में जम्मू-कश्मीर के लिए अनुचित रूप से थोपा गया अनुच्छेद 370 5 अगस्त 2019 को खत्म कर दिया गया। इसे हटाए हुए अब दो साल हो गए हैं। इन दो सालों में जम्मू-कश्मीर में जहां आतंकवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है वहीं चहुंमुखी विकास हुआ है। अनुच्छेद 370 के खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर में जहां आतंकवादियों के आतंक का अंत हुआ है वहीं विकास की बयार बहने लगी है। जम्मू-कश्मीर में चलाए गए कल्याणकारी योजनाओं, सुधारों और विकास का लाभ लोगों तक पहुंचने लगा है।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है तब से केंद्र की योजनाएं भी वहां की जनता को सहज सुलभ होने लगी है। पीएम मोदी की उजाला योजना हो, उज्ज्वला योजना या फिर जल जीवन मिशन योजना, जम्मू-कश्मीर की सौ प्रतिशत जनता तक उसकी पहुंच सुनिश्चित हुई है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान प्रायोजित अराजकता का मुद्दा उठाकर एक प्रोपेगेंडा हमेशा ही चलाया जाता रहा है, किन्तु ऐसा नहीं है कि ये प्रोपेगेंडा केवल पाकिस्तान से चलता है, बल्कि इसके लिए वैश्विक स्तर पर कुछ संगठन भी काम करते हैं। इन संगठनों को अमेरिका, ब्रिटेन और विश्व के कुछ अगड़े राष्ट्रों में बैठकर पाकिस्तान समर्थक लोग चलाते हैं।
साल 2015-16 से शुरू हुआ इन लोगों का ये पारिवारिक बिजनेस एक नए स्तर पर चला गया, जिसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और भारत विरोधियों को बढ़ावा देना था। साल 2015-16 के उसी नैरेटिव के दम पर आज भी ये लोग छिप-छिपकर प्रोपेगेंडा चलाते हैं, जिससे कश्मीर सदा वैश्विक स्तर पर एक ज्वलंत मुद्दा रहे, और इससे इनकी अपनी दुकान चलती रहे।
भारत सरकार की नीतियों में पीएम मोदी के आने के बड़े बदलाव देखे गए हैं, जिसके तहत ही विदेशी फंडिंग को स्नष्टक्र्र के नियमों में बदलाव कर अधिक सख़्त किया गया था, जिससे कश्मीर में पैसा भेजकर अस्थिरता फैलाना वैश्विक शक्तियों के लिए असंभव हो गया। इसके बाद ही पाकिस्तान की सीनेट रिपोर्ट कश्मीर की कहानी को बदलने की प्रोपेगेंडा गढ़ती है और फिर वैश्विक स्तर पर कश्मीर मुद्दों पर भारत की आलोचना करने वाला एक समूह खड़ा होने लगता है।