Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

पंचायत सहायक में चयन होने के बाद कितनी मिलेगी सैलरी…..

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जल्द ही मिनी सचिवालय का निर्माण किया जाना है ऐसे में सरकार ने उसकी देखभाल और पंचायत में कराए जाने वाले कार्यों से जुड़े दस्तावेज तैयार करने जैसे विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए प्रत्येक पंचायत भवन/मिनी सचिवालयों में पंचायत सहायक की तैनाती करने का ऐलान किया है और इनकी भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत भी की जा चुकी है। आवेदन प्रक्रिया 2 अगस्त से शुरू हुई है जो 17 अगस्त तक जारी रहेगी। इस भर्ती के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में कुल 58,189 पदों पर भर्तियां की जाएंगी जिसके लिए कोई भी बारहवीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकता है जिसने न्यूनतम 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो।  इस पद में उमीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। आज हम इस  आर्टिकल में एक पंचायत सहायक को मिलने वाली सैलरी और उसके कार्यों के बारे में बात करने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले अगर आपको जल्द ही किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठना है और आप घर बैठे उस एग्जाम का कॉम्पलीट रीविजन करना चाहते हैं तो आज ही सफलता द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे इस फ्री-कोर्स को ज्वॉइन कर सकते हैं जहां प्रतियोगी स्टूडेंट्स की परीक्षा की पक्की तैयारी और कंप्लीट रिवीजन कराया जा रहा है।
पहले समझें क्या है पंचायत सहायक का पद

पंचायत सहायक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण सरकारी कर्मचारी होता है। ये गांव के विकास में सहायक होता है। इस पद आसीन व्यक्ति ग्रामीण समस्याओं और किसी योजना के पात्र लोगों को जानकारी लिखित रूप में प्रधान तक पहुंचाता है। यह एक प्रधान का कार्यवाहक व्यक्ति होता है जो प्रधान के आदेशानुसार कार्य करता हैय़ पंचायत सहायक सम्बंधित ग्रामसभा के ही किसी व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है जो शिक्षित भी होता है।

कितनी मिलेगी सैलरी

जिन उम्मीदवारों को मेरिट के आधार पर पंचायत सहायक पद के लिए चयनित किया जाएगा उन्हें प्रतिमाह 6 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।

क्या होंगे पंचायत सहायक के कार्य
अगर आपका चयन पंचायत सहायक के पद पर होता है तो ऐसे में आपको पंचायत से जुड़ी कई तरह की जिम्मेदारियों का निर्वहन करना पड़ेगा। इसके अंतर्गत अभ्यर्थी को-
गाँव के लोगों की समस्या सुनकर या फिर किसी समस्या का मुआयना करके समस्याएं प्रधान और सचिव तक पहुंचाना।
मनरेगा में कार्य कर रहे व्यक्तियों का लेखा-जोखा रखना और उनका कार्य देखना।
किसी भी योजना के पात्र व्यक्तियों का लेखा-जोखा सरकार को भेजना।