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मां गंगा ने लेटे हुए हनुमान जी का किया स्नान, मंदिर के कपाट हुए बंद

प्रयागराज
प्रयागराज वैसे तो परंपराओं के लिए जाना जाता है। प्रयागराज का संगम इन परंपराओं का प्रतीक है। कुंभ मेले की तरह एक परंपरा प्रयागराज में वर्षों पुरानी है। जिसमें स्वयं मां गंगा प्रयागराज की लेटे हुए हनुमान जी को स्नान कराने आती है। शयन मुद्रा में हनुमान जी को स्नान कराना प्रयागराज के लिए शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है जिस साल मां गंगा स्नान कराने आती है। उस साल प्रयागराज में कुशल होता है। हर साल की तरह इस बार भी तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से प्रयागराज का हनुमान मंदिर पूरी तरीके से जल मग्न हो गया।

पूजा पाठ के बाद मंदिर के कपाट किए गए बंद
संगम तट पर लगने वाले माघ मेला और कुंभ मेला क्षेत्र पर प्रयागराज में 1 महीने तक गंगा का कब्जा हो जाता है और पूरा संगम क्षेत्र पानी में तब्दील हो जाता है। जल स्तर बढ़ने की वजह से हर साल की तरह इस बार भी गंगा प्रयागराज के बंधवा हनुमान मंदिर स्नान करने पहुंचीं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और लेटे हनुमान मंदिर के महंत नरेंद्र गिरी ने दूध, दही, घी और शहद समेत पंचामृत से मां गंगा का अभिषेक कर उनकी आरती उतारकर मंदिर के कपाट बंद कर दिए। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा मां गंगा हर साल हनुमान जी को स्नान कराने आती है। इसके अलावा महंत नरेंद्र गिरि ने यह भी कहा कि मां गंगा ने हनुमान जी को स्नान करा दिया, इसलिए अब कोविड-19 का संक्रमण समाप्त हो जाएगा।

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बाढ़ को लेकर प्रयागराज जिला प्रशासन का अलर्ट
बाढ़ के खतरे को देखते हुए संगम में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टुकड़ी को भी तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही गंगा और यमुना नदियों के बढ़ रहे जल स्तर पर सिंचाई विभाग की ओर से बनाए गए बाढ़ नियन्त्रण कक्ष से चौबीस घंटे मॉनिटरिंग भी की जा रही है। हांलाकि, गंगा और यमुना दोनों ही नदियां अभी भी खतरे के निशान से लगभग चार मीटर नीचे बह रही हैं। निचले इलाके के रहने वाले लोगों को अब बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया गया है।