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खतरे के निशान पर बह रही गंगा और यमुना नदी… प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, आगरा में बाढ़ का खतरा

आगरा में 38 गांव बाढ़ के पानी में डूबे, सैकड़ों परिवार बेघर
आगरा जिले में चंबल के किनारे बसे लोगों को बाढ़ से कोई राहत नहीं मिल रही है। बाह पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन यहां के गांवों में बाढ़ के हालात अभी बने हुए हैं। चंबल नदी के तटवर्ती 38 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं। घरों, स्कूलों, पंचायत घर, झोपड़ियों और खेत-खलिहानों में पानी भर गया है। तहसील मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों ने अपने बच्चों और पालतू पशुओं के साथ गुरुवार की रात बीहड़ के ऊंचे टीलों पर गुजारी। प्रशासन ने ग्रामीणों तक राशन और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाने का दावा किया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि उन तक प्रशासन की मदद नहीं पहुंची है।

गांव-गांव बाढ़ का खतरा, सिर पर चारपाई रखकर पलायन कर रहे हैं लोग

बाढ़ में घिरे गांवों के लोगों को प्रशासनिक टीमों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। पिनाहट घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से पीएससी तैनात कर दी गई है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी मुनिराज और विधायक पक्षालिका सिंह नदी का निरीक्षण करने पिनाहट घाट पर पहुंचे। उमरैठापुरा में बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया है। गुढा गोहरा, रानीपुरा और भटपुरा आदि गांवों में पानी भर गया है। यहां मोटर बोट चलाई जा रही हैं। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि खाद्य सामग्री का संकट पैदा हो गया है। बच्चों के लिए भरपेट भोजन और पशुओं के लिए चारा नहीं है। शासन-प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है।

प्रयागराज में डेंजर लेवल पर नदियां, निचले इलाकों में भरा पानी
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां पूरे उफान पर हैं। दोनों नदियां डेंजर लेवल से करीब एक मीटर नीचे बह रही हैं। नदियों के उफनाने से बाढ़ का पानी तटीय इलाकों में घुसने लगा है। प्रयागराज की सदर तहसील, सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बारा, करछना और मेजा के साथ ही कई अन्य तहसीलों में भी गंगा और यमुना किनारे बसे गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

प्रयागराज में दारागंज इलाके में संगम से नागवासुकी मंदिर को जाने वाली सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। गंगा किनारे बनी झोपड़ियां पानी में डूब गई हैं। सड़क के दूसरे किनारे बने पक्के मकानों भी लगभग 5 फीट तक पानी भर गया है। प्रशासन बाढ़ से प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में विस्थापित कर रहा है। अभी भी कुछ लोग अपने आशियाने में मौजूद हैं। उनसे भी प्रशासन लगातार बाहर निकलकर राहर शिविरों में जाने की अपील कर रहा है।

वाराणसी में खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा
वाराणसी में उफनती गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। जलस्‍तर में लगातार तेज बढ़ोतरी से लोग सहमे हैं। गंगा की सहायक नदी वरुणा में भी पलट प्रवाह से किनारे की बस्तियों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शहर के बीच से गुजरने वाली वरुणा में गंगा के पलट प्रवाह से किनारे बसे मोहल्‍लों के मकानों में पानी घुस गया है। पलायन के बीच लोगों ने पहली मंजिल पर शरण ली है। उधर, गंगा में बढ़ाव से वाराणसी शहर से दूर चौबेपुर के ढाब इलाका टापू बनने को है। चिरईगांव, मुस्‍तफाबाद, रेतापार के खेतों में रोपा गया धान और सब्‍जी की खेती बाढ़ के पानी में डूबने लगी है।